BIHAR: इस वक्त की बड़ी खबर आ रही है. जहां बिहार राज्य अपीलीय प्राधिकार ने तीन अलग अलग मामलों में 51 शिक्षकों को सस्पेंड करने का आदेश दिये हैं. बता दें इन शिक्षकों ने गलत तरीके से सरकारी अधिकारियों और मुखियाओं के सहयोग से नौकरी पायी थी. तीनों मामलों में संबंधित जिलों के डीएम को इस को लेकर सख्त कार्रवाई करने के लिए कहा गया है. ये मामले औरंगाबाद, नालंदा और सहरसा जिलों के हैं.
सूत्रों के अनुसार औरंगाबाद के मदनपुर प्रखंड के विभिन्न स्कूलों में 24 वैध शिक्षकों की जगह दूसरे लोगों की ज्वाइनिंग दे दी गयी. वहीं इस मामले में प्राधिकार के अध्यक्ष अशोक कुमार सिन्हा ने जिला अपीलीय प्राधिकार के आदेश को रोकते हुए सिन्हा ने सभी 24 शिक्षकों को 15 दिनों में हटाने का आदेश दिया.
शिक्षकों को सस्पेंड होने के बाद इससे जुड़े बीडीओ और प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजने के लिए कहा है. अत दें अनियमितता साबित होने के बाद भी जिला अपीलीय प्राधिकार और दूसरे अफसरों ने गलत ढंग से नौकरी पाने वाले शिक्षकों को बनाये रखा.
जांच रिपोर्ट में यह साफ हो गया है कि इन सभी 24 शिक्षकों की नियुक्ति सोशल साइंस विषय में सुनियोजित तौर पर की गयी, जबकि वैध तरीके से चुनें गए शिक्षकों को पता ही नहीं चला. जब जिला अपीलीय प्राधिकार ने इस मामले में सही रुख नहीं दिखाया तो शिक्षा विभाग ने राज्य अपीलीय प्राधिकार में अपील कर दी थी. जहां अपीलीय प्राधिकार ने आदेश में कहा कि हो सकता है कि सामाजिक विज्ञान की तरह दूसरे विषयों में ऐसी गड़बड़ियां की गयी हों, इसलिए सभी विषयों में नियुक्ति की जांच करायी जाये.
इसी के साथ अपीलीय प्राधिकार ने एक अन्य आदेश में 21 शिक्षकों को जो नालंदा जिले के बिहारशरीफ प्रखंड के है हटाने का आदेश दिया है. इसमें बीडीओ के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई के लिए डीएम को लिखा है. हालाकिं सहरसा जिले की तिलहर पंचायत में 5 फर्जी शिक्षकों को हटाने आदेश दिया है.