बिहार में तीन BDO पर गिरी गाज, नीतीश सरकार ने लिया बड़ा एक्शन, सात निश्चय योजना में गड़बड़ी का आरोप

बिहार में तीन BDO पर गिरी गाज, नीतीश सरकार ने लिया बड़ा एक्शन, सात निश्चय योजना में गड़बड़ी का आरोप

PATNA : बिहार सरकार ने तीन प्रखंड विकास पदाधिकारियों पर कड़ा एक्शन लिया है. सरकार ने इन अफसरों की वेतन वृद्धि पर रोक लगा दी है. पश्चिम चंपारण और मुजफ्फरपुर जिले में पदस्थापित बीडीओ के ऊपर कार्रवाई की गई है. इनके ऊपर काम में शिथिलता बरतने का आरोप है, जिसे लेकर इनके खिलाफ एक्शन लिया गया है. 


बिहार के ग्रामीण विकास विभाग की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक मुजफ्फरपुर जिले के मीनापुर प्रखंड के तत्कालीन बीडीओ संजय कुमार सिन्हा, पश्चिम चंपारण जिले के मंझौलिया के तत्कालीन बीडीओ चन्दन कुमार और मुजफ्फरपुर जिले के ही मीनापुर प्रखंड के बीडीओ रहे अमरेंद्र कुमार पर एक्शन लिया गया है. चन्दन कुमार के एक, संजय कुमार सिन्हा के दो और अमरेंद्र कुमार के तीन वेतन वृद्धि पर रोक लगाई गई है.


मंझौलिया के तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी चंदन कुमार पर प्रधानमंत्री आवास योजना के 2016-17 अउ 2017-18 के लिए प्रथम किस्त का भुगतान लंबित रखने, प्रधानमंत्री आवास योजना का लक्ष्य पूरा नहीं करने, पहले से इंदिरा आवास योजनान्तर्गत स्वीकृत आवासों की समुचित ध्यान नहीं देने, प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) और इंदिरा आवास योजना अन्तर्गत प्राप्त जन शिकायतों से संबंधित मामलों की जांच कर निर्धारित समय अवधि में प्रतिवेदन उपलब्ध नहीं कराने, बार-बार दिए गए निर्देश के बाद भी राज्य सरकार द्वारा संचालित मुख्यमंत्री वास स्थल क्रय सहायता योजना और मुख्यमंत्री आवास योजनान्तर्गत लाभुकों को लाभान्वित करने हेतु आवश्यक कार्रवाई नहीं करने, राज्य सरकार के सात निश्चय योजनाओं में सम्मिलित लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान अन्तर्गत निर्मित शौचालयों का प्रोत्साहन राशि का भुगतान अत्यधिक संख्या में विभागीय निर्देशों के प्रतिकल लंबित रखने को लेकर कार्रवाई की गई है.


इसी तरह मीनापुर के बीडीओ रहे अमरेन्द्र कुमार पर प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान, हर घर नल का जल और हर घर पक्की नाली गली के कार्यान्वयन में लापरवाही बरतने को लेकर कार्रवाई की गई है. साथ ही मीनापुर के एक और  तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी रहे संजय कुमार सिन्हा पर प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के कार्य में लापरवाही बरतने और प्राथमिकता सूची चेक स्लिप के साथ उपलब्ध नहीं कराने का आरोप है.