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1st Bihar Published by: Updated Thu, 04 Nov 2021 11:44:32 AM IST
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PATNA : बिहार में पूर्ण शराबबंदी कानून साल 2016 के अप्रैल में ही लागू कर दिया गया था. आज इस कानून को लागू हुए 5 साल से ज्यादा वक्त हो चुका है लेकिन इसके बावजूद भी इस साल अबतक 15 अलग-अलग घटनाओं में जहरीली शराब से 84 लोगों की मौत हो गई है. इन मौतों के बाद से एक बार तो साफ़ हो गई गई है कि बिहार में केवल नाम भर की ही शराबबंदी है. इसमें भी सबसे चिंताजनक बात ये हैं कि अबतक इस मामले में सरकार ने बस नाम भर के लिए ही कार्रवाई की है.
इस साल होली के बाद ही जहरीली शराब से बेगूसराय के बखरी में दो, कोचा में चार, रोहतास के करगहार में एक, कैमूर के टाउन थाना क्षेत्र में दो, गोपालगंज के विजयपुर थाना क्षेत्र के मंझौलिया से तीन, मुफस्सिल के बरही बीघा में एक शख्स की मौत हुई.
12 अक्टूबर को वैशाली के राजापाकर थाना स्थित बैकुंठपुर गांव में एक रंजीत कुमार सिंह (55) की मौत हो गई. सीवान के गुथानी थाना इलाके के बेलौरी में 24 अक्टूबर को जहरीली शराब से चार लोगों की मौत हो गई थी. जहरीली शराब से मौत का चौंकाने वाला होली के ठीक बाद नवादा जिले में सामने आया था. जब टाउन थाना क्षेत्र के गांवों में कम से कम 16 लोगों की मौत हो गई थी. फिर जुलाई में पश्चिमी चंपारण के लौरिया से इतनी ही संख्या में लोगों की मौत का मामला सामने आया था.
मुजफ्फरपुर में 27 अक्टूबर को कुछ लोगों ने शराब पी थी, जिसके बाद 8 लोगों की मौत हो गई. इसके बाद कल गोपालगंज में 10 और अब आज बेतिया मेंजहरीली शराब पीने से 8 लोगों की मौत की खबर ने हाहाकार मचा दिया है.
केवल 2021 में शराब पीने की वजह से 84 लोगों की मौत होना कहीं न कहीं प्रशासन के रवैये पर भी सवाल खड़े कर रहा है. लोगों का कहना है कि मौत के आंकड़े इससे भी ज्यादा हैं लेकिन आधिकारिक पुष्टि केवल 84 लोगों की ही की गई है.