PATNA : इस वक्त एक बड़ी खबर पटना से सामने आ रही है. बिहार में ट्रांसफर और पोस्टिंग के दौर के बीच सरकार ने एक बड़ा निर्णय लिया है. बिहार सरकार ने 170 अफसरों के तबादले पर तत्काल रोक लगा दिया है. डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद के विभाग में पोस्टेड इन अधिकारियों के ट्रांसफर आर्डर को स्थगित कर दिया गया है. नीतीश सरकार की ओर से यह अहम जानकारी साझा की गई है.
बिहार सरकार के नगर एवं आवास विभाग के नगर पालिका प्रशासन निदेशालय की ओर से मिली जानकारी के अनुसार फिलहाल 170 अफसरों के तबादले पर तत्काल रोक लगा दिया गया है. विभाग के निदेशक सतीश कुमार सिंह की ओर से सभी जिलों के डीएम, नगर आयुक्त, कार्यपालक पदाधिकारी और उन कर्मियों को पत्र लिखकर सूचित किया गया है, जिनका तबादला सरकार ने स्थगित करने का निर्णय लिया है.
नगर विकास एवं आवास विभाग के नगर पालिका प्रशासन निदेशालय की ओर से जारी पत्र के मुताबिक 30 जुलाई को बिहार के नगर निकायों में कार्यरत ग्रुप 'सी' के कर्मियों के तबादले को लेकर विभागीय आदेश संख्या- 2197 निर्गत किया गया था, जिसे फिलहाल रोक दिया गया है. पत्र में कहा गया है कि विभिन्न नगर निकायों में कार्यरत इन कर्मियों के वेतन और सेवांत लाभ में एकरूपता का आभाव है. विभाग ने इसपर विचार करते हुए तत्काल प्रभाव से तबादले के आदेश को स्थगित कर दिया है.
पत्र में इस बात का भी जिक्र है कि तबादले के आदेश के बाद जिन्हें विरमित किया गया है और जो नए जगह पर जाकर ज्वाइन कर लिए हैं. वे सभी अपने पहले वाले नगर निकाय में लौट जाएं, जहां वे पहले से पोस्टेड थे. गौरतलब हो कि इससे पहले बिहार शिक्षा विभाग के प्राथमिक शिक्षा निदेशालय ने 257 प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों के तबादले के आदेश पर तत्काल रोक लगा दिया था.
बिहार शिक्षा विभाग के प्राथमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी आदेश संख्या 432 के मुताबिक अवर शिक्षा सेवा (प्राथमिक शाखा) के आदेश संख्या 431 को तत्काल प्रभाव से स्थगित करने का निर्णय लिया गया था. बिहार प्राथमिक शिक्षा विभाग के निदेशक आईएएस डॉ रणजीत कुमार सिंह की ओर से 1 जुलाई को यह पत्र जारी किया गया था. बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी के विभाग में हुए तबादले पर सरकार ने रोक लगा दिया था. तबादले के कुछ ही घंटे बाद शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी के विभाग के सचिव, अपर मुख्य सचिव, सभी जिलों के डीएम, डीपीओ और डीईओ को इसकी जानकारी दी गई थी.
गौरतलब हो कि बिहार में इन दिनों ट्रांसफर-पोस्टिंग का दौर जारी है. फर्स्ट बिहार ने बताया कि सरकार के कई विभागों में दो हजार से अधिक अफसरों और कर्मियों का स्थांतरण किया. लेकिन इसपर ऊँगली उठने लगी. सरकार के विधायक और मंत्री ही खुद इसपर ऊँगली उठा रहे हैं कि मोटी रकम की वसूली कर के तबादला किया गया. बीजेपी के विधायक ज्ञानेंद्र कुमार ज्ञानू और बिहार सरकार में समाज कल्याण विभाग के मंत्री मदन सहनी इसपर सवाल उठा चुके हैं. इन दोनों नेताओं ने नीतीश सरकार की कार्यशैली पर बड़ा सवालिया निशान खड़ा किया है.
नीतीश सरकार में समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने गुरूवार को इस्तीफे की पेशकश कर दी. मदन सहनी ने कहा है कि उनके विभाग में अधिकारियों का राज चल रहा है औऱ अब उनके पास कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा. फर्स्ट बिहार से बातचीत में मदन सहनी ने अपने विभाग के प्रधान सचिव अतुल प्रसाद पर गंभीर आऱोप लगाये हैं. दरअसल समाज कल्याण विभाग में ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर मंत्री औऱ प्रधान सचिव के बीच विवाद हुआ था. इसके कारण सीडीपीओ समेत विभाग के कई दूसरे अधिकारियों का ट्रांसफर जून महीने में नहीं हो पाया था. मंत्री औऱ प्रधान सचिव में घमासान लगातार बढ़ता जा रहा था. जून में ट्रांसफर कर पाने में सफल नहीं हो पाये मंत्री ने आज इस्तीफे की पेशकश कर दी.
मंत्री मदन सहनी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि समाज कल्याण विभाग के प्रधान सचिव अतुल प्रसाद ने पूरे विभाग को चौपट कर दिया. विभाग में कोई काम नहीं हो रहा. ट्रांसफर पोस्टिंग में मंत्री की नहीं सुनी जा रही. प्रधान सचिव चार सालों से विभाग में जमे हैं. प्रधान सचिव बतायें कि उन्होंने क्या किया. विभाग के कई अहम पदों पर सालों से एक ही अधिकारी जमे हुए हैं. उनके कारण सही तरीके से काम नहीं हो पा रहा है.
नगर विकास एवं आवास विभाग का नया आदेश -
इन अधिकारियों के तबादले पर लगी रोक -