बिहार में 1 अक्टूबर से शुरू होगा बालू खनन, माफियाओं पर नकेल कसेगी सरकार, देखिये डिटेल

बिहार में 1 अक्टूबर से शुरू होगा बालू खनन, माफियाओं पर नकेल कसेगी सरकार, देखिये डिटेल

PATNA : बिहार में एक बार फिर से बालू का खनन शुरू होने जा रहा है. अगले महीने के बाद एक अक्टूबर से बालू खनन को फिर से चालू करने की बात सामने आ रही है. क्योंकि फिलहाल एनजीटी के निर्देशों के अनुसार एक जुलाई से 30 सितंबर तक इस पर रोक लगा रखा है. तकरीबन साढ़े तीन दर्जन अधिकारियों पर कार्रवाई करने वाली नीतीश सरकार इसबार बालू माफियाओं पर पूरी तरह नकेल कसने की कोशिश कर रही है.


नीतीश सरकार बिहार में इसबार बालू का खनन शुरू होने के साथ ही अवैध खनन, बालू की अवैध बिक्री और ढुलायी पर नियंत्रण के लिए सख्ती बढ़ाने की तैयारी रही है. बताया जा रहा है कि इस महीने के बाद एक अक्टूबर से नदी घाटों से फिर से खनन शुरू हो जाएगा. इसके तहत नदी घाटों पर खनन की ड्रोन से मॉनिटरिंग, चालान की जांच सहित हाइटेक व्यवस्था से निगरानी की जायेगी. इसके साथ ही मुख्यालय स्तर से निगरानी की व्यवस्था की जायेगी.


बिहार में लगभग 350 नये बालू घाटों की बंदोबस्ती प्रक्रिया पर्यावरणीय स्वीकृति के इंतजार में अटकी हुई है. इसकी मंजूरी मिलने और नये बालू घाटों के नये बंदोबस्तधारियों द्वारा खनन शुरू करने के लिए जरूरी ऑथोरिटी सिया का पुनर्गठन इसी महीने होने की संभावना है. इन नये बालू घाटों से खनन शुरू होने से लोगों को अपने जिले या जिले के नजदीक ही आसानी से बालू मिल सकेगा.


फिलहाल पुरानी व्यवस्था के तहत आठ जिले में ही बालू का खनन हो रहा है. वहीं, छह जिले के बंदोबस्तधारियों ने खनन से मना कर दिया है. इन छह बालू घाटों के बंदोबस्तधारियों को बदलने की प्रक्रिया भी चल रही है. फिलहाल राज्य के 19 जिलों में 195 लाइसेंसधारी बिक्रेताओं के माध्यम से बालू की बिक्री हाे रही है.


आपको बता दें कि पिछले दिनों भोजपुर, औरंगाबाद, पटना और कैमूर के इलाकों में धड़ल्ले से हो रहे बालू के अवैध खनन की सूचना सरकार को मिली थी. सरकार ने इसपर संज्ञान लिया और दो एसपी और एसडीएम समेत कई पुलिस पदाधिकारियों पर एक्शन लिया.  2 आईपीएस अधिकारी समेत 41 अफसरों पर कार्रवाई की गई. जबकि इन अफसरों की आय से अधिक संपत्ति मामले में कार्रवाई करने की तैयारी आर्थिक अपराध इकाई द्वारा की जा रही है.


आर्थिक अपराध इकाई के द्वारा मिल रही जानकारी के अनुसार कई टीमें गठित की गई हैं और इन अधिकारियों के चल अचल संपत्ति के बारे में पूरी जानकारी जुटाई जा रही है. अगर किसी अधिकारी के बारे में आय से अधिक संपत्ति मामले में सूचना प्राप्त होगी तो उनके ठिकानों पर छापेमारी भी की जाएगी.