लड़की को गोली मारने के बाद युवक ने खुद को भी मारी गोली, मौत के बाद इलाके में सनसनी चरस तस्करी मामले में कोर्ट ने सुनाई सजा, चेलवा और बैला को 14 साल की सजा अतिथि शिक्षकों को हटाने के आदेश को HC ने किया निरस्त, अब स्कूलों में तैनात रहेंगे गेस्ट टीचर रेलवे ने बनाया नया कीर्तिमान, मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज से चलाई 364 ट्रेन PK ने लालू-नीतीश पर बोला हमला, किसान महापंचायत में कहा..लालू को अपने बेटों की चिंता है और नीतीश आपके बच्चों को लाठी से पिटवा रहे हैं Raid On Punjab CM House: पंजाब सीएम भगवंत मान के दिल्ली आवास पर चुनाव आयोग की रेड, पंजाब पुलिस ने आयोग की टीम को रोका, पैसे बांटने की शिकायत Bihar Transport News: गजब..बिहार में गाड़ियों का फिटनेस जांच MVI नहीं दलाल करते हैं, मोटरयान निरीक्षक का सरकारी मोबाइल माफिया के पास कैसे पहुंचा? Bihar Cricket में मैच फिक्सिंग के घिनौने खेल का बड़ा खुलासा: पूर्व वाइस कैप्टन ने जय शाह के करीबी राकेश तिवारी पर बेहद गंभीर आरोप लगाये खगड़िया में किसान सलाहकार को मारी गोली, श्राद्धकर्म में शामिल होने के बाद लौट रहे थे घर आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर 8 मार्च को पहली बार पूर्णिया में करेंगे महासत्संग, एक लाख से अधिक लोग होंगे शामिल
02-Dec-2024 03:12 PM
Bihar Land Survey: बिहार में भूमि सर्वे का काम जारी है. हालांकि विवाद बढ़ता देख सरकार ने सर्वे के काम को धीमा करा दिया है. पहले दावा किया जा रहा था कि विधानसभा चुनाव 2025 से पहले जमीन सर्वे का काम पूरा कर लिया जायेगा. सरकार के इस ऐलान से सर्वे के काम में जबरदस्त तेजी आई. हालांकि जमीन संबंधी कागजात की अनुपलब्धता,कागजात को लेकर मची अफरा-तफरी से लोगों में भारी आक्रोश पनपा. जिससे सरकार डर गई. जिसके बाद सर्वे के काम ढीला करा दिया गया है. सोमवार को सरकार ने यह निर्णय लिया है कि अंतिम अधिकार प्रकाशन के बाद दावा-आपत्ति की अवधि जो 90 दिनों की है, उसे भी शिथिल किया जाता है. इस संबंध में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने सभी जिलों के बंदोबस्त पदाधिकारी को पत्र लिखा है.
एसीएस ने सभी बंदोबस्त पदाधिकारी को भेजा पत्र
सभी जिलों के बंदोबस्त पदाधिकारियों को भेजे पत्र में अपर मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया है कि अब तक विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त अधिनियम के तहत अंतिम अधिकार अभिलेख प्रकाशित होने के तीन माह के भीतर ही दावा या आपत्ति दायर किए जाने का प्रावधान था. बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त अधिनियम के तहत अंतिम प्रकाशन की तिथि से 90 दिनों के भीतर कोई व्यक्ति किसी भूमि पर अपना अधिकार समझता हो वह अधिसूचित पदाधिकारी के समक्ष दावा कर सकता था. 90 दिनों की अवधि पूर्ण होने के बाद दावा स्वीकार नहीं किए जाने का प्रावधान था. लेकिन कई जिलों से इस संबंध में इस अवधि को शिथिल करने को लेकर मार्गदर्शन मांगा जा रहा था.
90 दिनों की अवधि को किया गया शिथिल
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव ने बंदोबस्त पदाधिकारियों को लिखे पत्र में कहा है कि कई जिलों से अंतिम अधिकार अभिलेख के प्रकाशन के विरुद्ध दावा या आपत्ति की अवधि सामप्ति के बाद भी सुनवाई किए जाने को लेकर मार्गदर्शन मांगा गया था. इस संबंध में विधि विभाग से परामर्श मांगा गया. विधि विभाग ने अंतिम अधिकार अभिलेख के प्रकाशन के बाद अपनाई जाने वाली सुनवाई की अवधि को शिथिल करने की शक्ति प्रदत्त करने का परामर्श दिया है. इस आलोक में विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त कार्यक्रम के तहत प्रपत्र-20 में अधिकार अभिलेख प्रकाशन किए जाने के बाद निर्धारित समय सीमा के बाद भी अगर कोई दावा या आपत्ति दर्ज किया जाता है तो उसे सही कारणों के आधार पर स्वीकार किया जा सकेगा.
पटना से विवेकानंद की रिपोर्ट