PATNA : बिहार में अदालतों पर बोझ बढ़ रहा है. इसको लेकर भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना भी चिंता जता चुके हैं. हालांकि ये मामले शराब से जुड़े अधिक हैं. वहीं अब लंबित मामलों को लेकर सीबीआई की चिंता भी बढ़ी है. बिहार की पांच अदालतों में सीबीआई जांच से जुड़े 320 मुकदमे विचाराधीन है.
इन मुकदमों में तेजी लाने के लिए सीबीआई ने पटना हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को पत्र लिखकर गिरफ्तारी के डर से भूमिगत हुए आरोपितों के खिलाफ निचली अदालतों के द्वारा अरेस्ट वारंट जारी करने का अनुरोध किया है.
सीबीआई के ज्वाइंट डायरेक्टर ने रजिस्ट्रार को बिहार में विचाराधीन 320 केस की लिस्ट थमाई है. इनमें सबसे ज्यादा 276 केस पटना की विभिन्न अदालतों में विचाराधीन है. दूसरे नंबर पर मुजफ्फरपुर कोर्ट है. मुजफ्फरपुर में 41 केस विचाराधीन है. जबकि भागलपुर, मोतिहारी और कैमूर कोर्ट में भी एक-एक मुकदमा चल रहा है.
सीबीआई ने कहा है कि इनमें कुछ मुकदमों में ट्रायल चल रहा है, लेकिन गवाह समय पर नहीं आ रहे हैं. जबकि कई मामलों में चार्ज फ्रेम नहीं हो रहा है. कई मुकदमों में संबंधित विभाग द्वारा अभियोजन की स्वीकृति नहीं मिल रही है. कुछ मामले में आरोपी की जानकारी संबंधित जिलों से नहीं मिल पा रही है.
इसके लिए सीबीआई ने मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच द्वारा पारित आदेश का हवाला दिया है. मदुरै बेंच ने डब्ल्यूपी (एमडी) 17716/2020 (रामनाथपुरम डीवाई संगम बनाम स्टेट ऑफ तमिलनाडु) में सीबीआई को आदेश दिया था कि देश भर में निचली अदालतों में विचाराधीन मुकदमे में तेजी के लिए संबधित राज्यों के हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को देकर वारंट, गवाही, गिरफ्तारी आदि के लिए सहयोग मांगे.