PATNA : बिहार जैसे गरीब राज्य में डिप्टी सीएम का बंगला कैसा होना चाहिये. जानना हो तो नयी नयी डिप्टी सीएम रेणु देवी को अलॉट किये गये सरकारी बंगले का हाल देख आइये. वहां पानी की तरह बहाये जा रहे पैसे को देखिये और समझिये कि डिप्टी सीएम मैडम को क्या सब सुख-सुविधायें चाहिये. वैसे उनके बंगले पर हो रहा एक खर्चा हम आपको बताते हैं. मैडम के बंगले में गार्डन के लिए घास लगाने पर सवा पांच लाख रूपये खर्च किये जा रहे हैं.
3-स्ट्रैंड रोड में डिप्टी सीएम का बंगला
दरअसल बिहार में इस दफे दो डिप्टी सीएम बनाये गये हैं. डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद उस बंगले में शिफ्ट हो गये हैं जो पहले से ही डिप्टी सीएम के लिए तय है. 5, देशरत्न मार्ग का ये बंगला पहले से ही सजा सजाया है लिहाजा उसमें ज्यादा खर्च की गुंजाइश नहीं थी. लेकिन दूसरी डिप्टी सीएम रेणु देवी को मंत्रियों वाला बंगला अलॉट किया गया. 3, स्ट्रैंड रोड का सरकारी बंगला रेणु देवी को अलॉट किया गया. बंगला भले ही मंत्रियों वाला हो, वहां रहने तो डिप्टी सीएम आ रह हैं न. लिहाजा बंगले को उनके रूतबे के मुताबिक बनाने के लिए सरकारी पैसे को पानी की तरह बहाने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जा रही है.
कोलकाता से आया सवा पांच लाख का घास
हमारी टीम उस बंगले को देखने पहुंची जो डिप्टी सीएम रेणु देवी के लिए तैयार किया जा रहा है. बंगले के कैंपस में ट्रक खड़ा मिला. पता चला इसमें घास की शीट लदी हुई है, जिसे कोलकाता से खास तौर पर मंगवाया गया है. डिप्टी सीएम के बंगले में गार्डन बनाने के लिए कोलकाता से करीब 7 क्विंटल घास की चादर मंगवायी गयी है. कैंपस में मजदूर लगे थे जो ट्रक से उतर रही घास की चादर को बड़े करीने से बंगले के कैंपस में बिछा रहे थे. मजदूरों ने बताया कि ये नर्म घास है, इसकी शीट को मैदान में बिछा देने पर यह मिट्टी पकड़ लेता है.
हमने डिप्टी सीएम के बंगले में लग रही घास का दाम जानना चाहा. भवन निर्माण विभाग के एक कर्मचारी मिले लेकिन उन्होंने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया. लिहाजा हमारे रिपोर्टर ने उस ठेकेदार को ढूढ़ा जो घास लगवाने का काम कर रहा था. ठेकेदार ने बताया कि 13 हजार स्वक्यार फीट में कोलकाता से आयी घास की चादर बिछायी जा रही है. इसकी कीमत 40 रूपये प्रति स्वाक्यार फीट है. यानि बंगले में लगने वाली घास की कुल कीमत तकरीबन सवा पांच लाख रूपये है.
उधर सरकारी बंगले के भीतर भी ताबड़तोड़ काम चल रहा है. मार्बल-टाइल्स सब बदले जा रहे हैं. पिछले तीन सप्ताह से इस बंगले में काम चल रहा है जो अब तक पूरा नहीं हुआ है. बंगले की बाहरी दीवारों को नये तरीके से पेंट किया गया है. अंदर वॉशरूम, बेडरूम से लेकर ड्राइंग रूम की पूरी सूरत बदली जा रही है. ताकि ये लगे कि इसमें डिप्टी सीएम रहती हैं.
खर्च का हिसाब बताने वाला कोई नहीं
हमने वहां मौजूद सरकारी कर्मचारियों से पूछा कि सारे काम पर कितना खर्च हो रहा है, किसी के पास कोई जवाब नहीं था. वैसे कुछ दिनों पहले बिहार सरकार के भवन निर्माण विभाग के प्रधान सचिव ने अपने इंजीनियरों को पत्र जारी किया था. उस पत्र में कहा गया था कि मंत्रियों के बंगले की साज सज्जा पर उतना ही खर्च किया जाये जितना सरकार ने पहले से तय कर रखा है. लेकिन डिप्टी सीएम के बंगले पर किया जा रहा खर्च यकीनन उससे काफी ज्यादा दिख रहा था. लेकिन भवन निर्माण विभाग सरकारी रहनुमाओं के बंगले पर होने वाले खर्च का हिसाब आम लोगों को कभी नहीं बताता. इससे पहले बार-बार ये सवाल उठता रहा है कि मुख्यमंत्री आवास पर कितना खर्च किया गया, आज तक किसी को इसका हिसाब नहीं मिल पाया.