PATNA : बिहार में कांग्रेस की एक महिला विधायक सिर्फ इसलिए आपे से बाहर हो गयीं कि अस्पताल के डॉक्टर ने उनके लिए अपनी कुर्सी नहीं छोड़ी. डॉक्टर ने मैडम के लिए अपनी कुर्सी छोड़ने के बजाय सामने की कुर्सी पर बैठने को कहा तो मैडम बुरी तरह भडक गयीं. पहले तो डॉक्टर से तीखी बहस की औऱ फिर नीतीश सरकार को जमकर कोसा. विधायक वैसे तो कोरोना मरीजों का हाल जानने गयी थीं लेकिन उन्हें चिंता कुर्सी की हुई.
विधायक प्रतिमा दास भड़कीं
बिहार के वैशाली जिले के राजापाकर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की विधायक हैं प्रतिमा दास. कोरोना काल में पहली दफे बाहर निकली. प्रतिमा दास अपने क्षेत्र के एक सरकारी अस्पताल में कोरोना के मरीजों का हाल जानने पहुंची थी. लेकिन वहां मरीजों का हाल जानने के बजाय कुर्सी के फेरे में पड़ गयीं. डॉक्टर से तीखी बहस हुई औऱ फिर विधायक बिना मरीजों का हाल जाने वापस लौट गयीं.
किस्सा कुर्सी का
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि विधायक प्रतिमा दास अस्पताल में पहुंचने के बाद सीधे चिकित्सा प्रभारी के कक्ष में पहुंची. अस्पताल के प्रभारी डॉक्टर ने उन्हें बैठने को कहा. विधायक ने कहा कि वे उस कुर्सी पर बैठेंगी जिस पर चिकित्सा प्रभारी बैठते हैं. उन्होंने डॉक्टर को अपनी कुर्सी से उठने को कहा. लेकिन डॉक्टर ने अपनी कुर्सी छोड़ने से इंकार कर दिया. डॉक्टर ने विधायक को कहा कि वे सामने की कुर्सी पर बैठें. विधायक ने डॉक्टर को जनप्रतिनिधियों के लिए बनाये गये प्रोटोकॉल को समझाना शुरू कर दिया. उधर डॉक्टर ने विधायक को कोरोना प्रोटोकॉल बताना शुरू कर दिया. कोरोना प्रोटोकॉल शारीरिक दूरी बना कर रखने को कहता है. दोनों के बीच बहस हुई. लेकिन डॉक्टर ने अपनी कुर्सी छोड़ने से इंकार कर दिया.
विधायकों की कोई इज्जत नहीं
डॉक्टर ने जब अपनी कुर्सी छोड़ने से इंकार कर दिया तो आखिरकार विधायक जी को सामने की कुर्सी पर बैठना पडा. विधायक ने उसके बाद कोरोना के मरीजों के इलाज को लेकर बात करनी शुरू की लेकिन बार बार कुर्सी की तल्खी उनकी जुबान पर आ जा रही थी. थोड़ी ही देर में वे वहां से निकल गयीं.
विधायक प्रतिमा दास ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि डॉक्टर ने उनके लिए अपनी कुर्सी नहीं छोड़ कर उनकी बेइज्जती की है. ये प्रोटोकॉल का उल्लंघन भी है. विधायक ने कहा कि नीतीश सरकार के कारण ऐसा हो रहा है कि विपक्षी विधायकों की इज्जत नहीं की जा रही है. उन्होंने इसके लिए नीतीश कुमार को जिम्मेवार करार देते हुए कहा कि जब तक मुख्यमंत्री नहीं चाहेंगे तब तक विधायकों को सम्मान नहीं मिलेगा.