PATNA : बिहार के 25000 सफाईकर्मियों को एक महीने की राहत मिली है। राज्य के स्थानीय नगर निकायों में दैनिक मजदूरी पर काम कर रहे ग्रुप डी के सफाई कर्मियों को हटा कर आउटसोर्सिंग के माध्यम से कर्मियों को बहाल करने संबंधी राज्य सरकार के आदेश पर हाई कोर्ट द्वारा लगाई गई रोक अब अगले एक महीने तक जारी रहेगी।
न्यायमूर्ति राजीव रंजन प्रसाद की एकलपीठ ने बिहार लोकल बॉडीज एम्प्लाइज फेडरेशन की रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार के 30 मार्च, 2020 के आदेश पर लगाई गई रोक को जारी रखने का निर्देश देते हुए मामले को एक महीने के लिए मुल्तवी कर दिया। मामले की सुनवाई इसलिए मुल्तवी की गई क्योंकि राज्य सरकार की ओर से जवाबी हलफनामा समय पर दायर नहीं हुआ था। इस मामले पर अब एक महीने बाद सुनवाई होगी।
उल्लेखनीय है कि बिहार के लोकायुक्त के 28 नवम्बर, 2019 एक अंतरिम आदेश से राज्य सरकार को निर्देश दिया गया था कि सूबे के तमाम नगर निकायों में कार्यरत सफाई कर्मचारियों को हटा कर उनके काम को आउटसोर्सिंग के माध्यम से करवाया जाए। लोकायुक्त के उक्त आदेश के आलोक में नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव ने सूबे के 142 स्थानीय नगर निकायों के सफाईकर्मियों को हटाने की कवायद शुरू करने का आदेश दिया था, जिसे हाई कोर्ट में चुनौती दी गयी है।
पिछले 28 मई को न्यायमूर्ति राजीव रंजन प्रसाद की एकलपीठ ने राज्य सरकार के उक्त 30 मार्च के आदेश पर फिलहाल यथा स्थिति बनाये रखने का आदेश देते हुए राज्य सरकार को हलफनामा दायर करने को कहा था। अब यही रोक आगामी एक महीने के लिए जारी रहेगी। हाई कोर्ट के इस आदेश से विगत 20-25 वर्षों से काम करते आ रहे तकरीबन 25000 सफाई कर्मियों को फिलहाल राहत मिली है।