PATNA : झारखंड विधानसभा की 81 सीटों पर हुए चुनाव के नतीजे आज रहे हैं। वोटों की गिनती जारी है और रुझानों में जेएमएम-कांग्रेस गठबंधन को बहुमत हासिल होता दिख रहा है। वहीं सत्ताधारी बीजेपी अब पिछड़ती नजर आ रही है। झारखंड चुनाव के नतीजों के बीच बिहार के नेताओं की बेचैनी बढ़ी हुई है।
झारखंड के चुनाव परिणाम का इंतजार बिहार के तमाम राजनीतिक दल बेसब्री से कर रहे हैं। क्योंकि महागठबंधन और एनडीए दोनों के लिए झारखंड विधानसभा चुनाव का परिणाम एक ओर जहां प्रतिष्ठा का सवाल है तो वहीं बिहार विधानसभा चुनाव में भी इसका असर देखा जा सकता है। बिहार में लोकसभा का चुनाव एनडीए ने भले ही एक होकर लड़ा हो, लेकिन झारखंड में बीजेपी-जेडीयू और एलजेपी ने अलग-अलग चुनाव लड़ा है। वहीं महागठबंधन वहां एकजुट होकर चु्नाव लड़ा है।
बिहार में अलग-अलग सुर-ताल लेकर चल रहे महागठबंधन के संबंधों पर भी झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजों का असर पड़ेगा। इन नतीजों के बाद अगर महागठबंधन को बढ़त मिलती है तो इसमें जेल में सजा काट रहे राजद सुप्रीमो लालू यादव का प्रयोग ही सफल नहीं होगा, बल्कि तेजस्वी पर बिहार में अपने सहयोगियों को साथ लेकर चलने का दबाव भी बढ़ेगा।
झारखंड चुनाव परिणाम को लेकर सबसे ज़्यादा बेचैनी बिहार बीजेपी में है। पार्टी नेता नंदकिशोर यादव, जो झारखंड में बीजेपी के सह चुनाव प्रभारी भी हैं। उन्होंने दावा किया था कि यहां तो जीत भाजपा की ही होगी।लेकिन इससे उलट झारखंड में बीजेपी के हाथ से सत्ता खिसकती दिख रही है। हालांकि बीजेपी की सहयोगी जेडीयू ने पहले ही कहा था कि झारखंड के परिणाम का कोई असर बिहार पर नहीं पड़ेगा। मंत्री श्याम रजक ने भी कहा था कि झारखंड और बिहार के चुनावी एजेंडे और परिस्थिति अलग-अलग हैं, उसका उतना असर बिहार पर नहीं पड़ेगा। क्योंकि बिहार में हमारे पास नीतीश कुमार जैसा नेतृत्व है और जनता उनके नाम पर वोट देती है।