बिहार के महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर बखेड़ा शुरू: कांग्रेस ने लोकसभा की कम से कम 8 सीटें मांगी, अकेले लड़ने पर भी चर्चा

बिहार के महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर बखेड़ा शुरू: कांग्रेस ने लोकसभा की कम से कम 8 सीटें मांगी, अकेले लड़ने पर भी चर्चा

DELHI: 19 दिसंबर को दिल्ली में INDIA गठबंधन की बैठक के बाद ये एलान किया गया था कि गठबंधन की पार्टियों के बीच सीट शेयरिंग तीन सप्ताह में तय कर लिया जायेगा. लेकिन बिहार में सीट शेयरिंग का मामला बिगड़ता जा रहा है. गठबंधन की दो बड़ी पार्टियों राजद और जेडीयू के बीच अब तक कोई बातचीत नहीं हुई है. उधर, कांग्रेस ने कम से 8 सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा कर दिया है. कांग्रेस ने इस संभावना पर भी विचार करना शुरू कर दिया है कि अगर गठबंधन में कोई विवाद हुआ तो अकेले लड़ने पर क्या परिणाम हो सकता है.


खरगे-राहुल के साथ बिहार के कांग्रेसियों की बैठक

लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस आलाकमान ने मंगलवार को दिल्ली में बैठक बुलायी थी. पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी ने बिहार के प्रमुख कांग्रेसी नेताओं के साथ लगभग तीन घंटे तक बैठक की. खरगे और राहुल गांधी ने बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश सिंह, विधायक दल के नेता शकील अहमद खान समेत दूसरे प्रमुख नेताओं के साथ लंबी बातचीत की. लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार में पार्टी की संभावनायें और गठबंधन में सीटों की दावेदारी पर हर नेता की राय सुनी गयी. 


कम से कम 8 सीट चाहिये

कांग्रेस के एक वरीय नेता ने बताया कि बैठक में मौजूद बिहार के सारे नेताओं ने कहा कि सीट शेयरिंग में कांग्रेस को कम से कम 8 सीट मिलनी चाहिये. पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने राजद, जीतन राम मांझी, मुकेश सहनी और वाम दलों से गठबंधन किया था. उस समय कांग्रेस को 9 सीट मिली थी. अब जो गठबंधन का स्वरूप है, उसमें नीतीश कुमार जुड़ गये हैं तो मांझी और मुकेश सहनी की पार्टी अलग भी हुई है. ऐसे में कांग्रेस 9 के बजाय 8 सीट पर समझौता करने को तैयार है.


अकेले लड़ने की भी तैयारी

सूत्रों की मानें तो बिहार के एक नेता ने बैठक में कहा कि राजद औऱ जेडीयू की प्लानिंग है कि कांग्रेस को बिहार में तीन-चार सीट देकर निपटा दिया जाये. पार्टी नेतृत्व को इस पर कोई समझौता नहीं करना चाहिये. बिहार में कांग्रेस के पास खोने को कुछ नहीं है. पार्टी के पास अभी बिहार की एक लोकसभा सीट किशनगंज है. किशनगंज का समीकरण ऐसा है कि अगर कांग्रेस अकेले भी चुनाव लड़ ले तो भी जीत हासिल हो जायेगी. फिर जेडीयू या राजद से क्यों डरा जाये. 


हालांकि कांग्रेस आलाकमान ने कहा कि आखिरी दम तक कोशिश रही करनी है कि गठबंधन कायम रहे. लेकिन कांग्रेस हद से ज्यादा झुक कर समझौता नहीं करेगी. मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी ने बिहार के नेताओं को कहा कि वे जिन सीटों पर लड़ना चाहते हैं उन सीटों पर दावे को लेकर सारी तैयारी कर लें. उन सीटों की सारी जानकारी कांग्रेस की अलायंस कमेटी को दे दी जाये. बता दें कि कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में गठबंधन करने के लिए पार्टी की अलायंस कमेटी का गठन किया है. 


वहीं, बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि हम राजद, जेडीयू और वाम दलों के साथ गठबंधन कर चुनाव लडेंगे. अखिलेश सिंह ने कहा कि पार्टी के नेतृत्व के सामने गठबंधन के हर पहलु पर विस्तृत चर्चा हुई है. अब कांग्रेस की अलायंस कमेटी के साथ बिहार के नेता 29 दिसंबर को बैठक करेंगे. उसके बाद आगे की रणनीति तय की जायेगी.