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1st Bihar Published by: Updated Thu, 02 Sep 2021 01:45:10 PM IST
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PATNA : बिहार के मधुबनी जिला में झंझारपुर के एडीजे अविनाश कुमार ने एक बार फिर से एक ऐसा फैसला सुनाया है, जिसकी काफी चर्चा हो रही है. दरअसल जेल में बंद एक युवक को इन्होंने ने नाले की सफाई करने और देखभाल करने की शर्त पर जमानत दी है. इससे पहले जज अविनाश कुमार ने एक शख्स को पांच गरीब परिवार की अनपढ़ महिलाओं और लड़कियों को पढ़ाने की शर्त पर जमानत दिया था.
झंझारपुर के एडीजे अविनाश कुमार की प्रथम कोर्ट ने मारपीट के एक मामले में जेल में बंद मो. अमजद को एक अनोखी शर्त पर रिहा किया है. वार्ड-13 के में मदरसा चौक के रहने वाले मो. अमजद को अपने घर के पास नाले की सफाई करने और देखभाल करने की शर्त पर जमानत दी गई है. दरअसल अमजद के पड़ोसी ने रुस्तम सहित पांच लोगों पर मारपीट का केस किया था.
इस घटना को लेकर जानकारी मिली है कि रुस्तम पर आरोप था कि वादी की पुत्री की शादी के दिन आरोपित ने सहयोगी के साथ घर आए मेहमानों के सामने मारपीट की थी. इस मामले में रुस्तम 24 अप्रैल से जेल में बंद है. उसकी जमानत के लिए अर्जी दी गई थी. कोर्ट ने 10 हजार बंधपत्र के साथ घर के पास के नाले की सफाई करने और उसकी देखभाल करने की शर्त पर जमानत देने का आदेश पारित किया.
गौरतलब हो कि इससे पहले बीते 29 अगस्त को एडीजे अविनाश कुमार ने एक ऐसा ही फैसला सुनाया था, जिसकी काफी चर्चा हुई. अंधरामठ थाने में दर्ज जानलेवा हमले के मामले में एडीजे अविनाश कुमार प्रथम के कोर्ट ने आरोपी नीरज कुमार साफी को सशर्त जमानत दे दी. उन्होंने कहा कि नीरज को गांव के पांच गरीब परिवार की अनपढ़ महिलाओं और लड़कियों को पढ़कर साक्षर बनाना होगा और उनके परिवार से प्रमाण-पत्र लेकर कोर्ट में जमा करना होगा.
आपको बता दें कि मामले के वादी महथौर गोठ गांव निवासी रामवल्लभ चौपाल के आवेदन पर गढिय़ा गांव निवासी संतलाल साफी, रामपुकार साफी, प्रशांत कुमार साफी, योगानंद साफी, झब्बूलाल साफी सहित सात लोगों को आरोपित किया गया था. इन लोगों पर घर में घुसकर लूटपाट करने और जानलेवा हमला कर जख्मी करने और घर में आग लगाने का आरोप था. इस मामले में नीरज कुमार साफी 18 जुलाई से जेल में बंद है.