DESK: लोक आस्था का महापर्व छठ का आज तीसरा दिन है। आज अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया गया। बिहार के जेलों में बंद कई बंदी भी इस बार छठ व्रत कर रहे हैं। आज कुल 838 कैदियों ने भी डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया। इनमें 361 महिला एवं 476 पुरुष शामिल हैं।
पटना के बेऊर जेल में 22 बंदियों ने डूबते हुए भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया। वहीं मुजफ्फरपुर जेल में सबसे ज्यादा 169 बंदी छठ व्रत कर रहे हैं। सीतामढ़ी में 117, मोतिहारी में 112, दरभंगा में 85, मुंगेर मंडल कारा में 16,कटिहार में 12, लखीराय मंडल कारा में 4, सासाराम मंडल कारा में 9 बंदी व अन्य जेलों में भी बंदी इस बार छठ व्रत कर रहे हैं। इनमें महिला और पुरुष दोनों शामिल हैं।
छठ करने वाले इन बंदियों में कुछ मुसलमान भी हैं। छठ महापर्व के मौके पर जेल प्रशासन ने व्रत करने वाली महिला और पुरुष बंदियों के लिए विशेष इंतजाम किए। अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के लिए जेल में ही कृत्रिम तालाबों का निर्माण कराया गया। पर्व से जुड़ी पूजन सामग्री भी उपलब्ध कराई गई। आज तीसरे दिन भी जेलों में छठ की अद्भुत छठा देखने को मिली। व्रत करने वाले बंदियों ने भगवान सूर्य को पहला अर्घ्य दिया और छठी मईया से मनोकामना पूर्ण करने की कामना की।
सासाराम के मंडल कारा में भी लोक आस्था के महापर्व का छठ का आयोजन किया गया। इसे लेकर बंदियों में खासा उत्साह देखने को मिला। सबसे बड़ी बात यह है कि सासाराम मंडल कारा में कुल 9 कैदी इस बार छठ व्रत कर रहे हैं जिनमें एक मुसलमान बंदी भी शामिल हैं। मुसलमान बंदी यूसुफ का कहना है कि वह अपने मनोकामना सिद्धि के लिए व्रत कर रहे हैं। जिसमें जेल प्रशासन का पूरा सहयोग मिल रहा है।