PATNA : ईट भट्ठा के कारोबारियों को लेकर बिहार सरकार और खान एवं भूतत्व विभाग ने बड़ा फैसला लिया है। खान एवं भूतत्व विभाग ने 2022- 23 के लिए रॉयल्टी नहीं देने वाले ईंट भट्ठा संचालकों को बड़ी चेतावनी दे डाली है।
दरअसल, बिहार के करीब 57 फीसदी ईंट-भट्ठों ने खान एवं भूतत्व विभाग को 2022-23 के लिए राजस्व के रूप में रॉयल्टी नहीं दिया है। राज्य के करीब 18 जिले ऐसे हैं जहां के ईंट-भट्ठों कारोबारियों ने राजस्व के रूप में रॉयल्टी नहीं दिया है। जिसके बाद अब इन भट्ठा मालिकों की पहचान कर उनको रॉयल्टी का भुगतान करने का निर्देश दिया गया है। विभाग के तरफ से अब इसकी जिम्मेदारी खान निरीक्षकों को दी गयी है। इसके साथ ही साथ बिहार सरकार और खान एवं भूतत्व विभाग रॉयल्टी नहीं देने वाले कारोबारियों पर कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में भी जुट गई है।
मिली जानकारी के अनुसार, बिहार सरकार ने यह निर्णय लिया है कि जिन जिलों के भट्ठा मालिकों के द्वारा रॉयल्टी नहीं दिया जाएगा। उनके यहां बन रहे ईंट जब्त कर ली जायेंग। इसके साथ ही साथ इस तरह के भट्ठे बंद कर दिए जाएंगे। इसके साथ ही रॉयल्टी वसूली करने में लापरवाही या कोताही बरतने वाले खनन विकास अधिकारियों और खान निरीक्षकों के खिलाफ भी विभाग ने कार्रवाई की चेतावनी दे दी है।
बताया जा रहा है कि, राज्य के अंदर मुख्य रूप से पटना, वैशाली, सीवान, सीतामढ़ी, सारण, नवादा, मोतिहारी, जहानाबाद, कैमूर, गोपालगंज, गया, दरभंगा, भोजपुर, भागलपुर, बेतिया, औरंगाबाद, अररिया और अरवल जिले के भट्ठा मालिकों के द्वारा अबतक रॉयल्टी नहीं दिया गया है। लेकिन, अब इसी को लेकर यह फैसला किया गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस साल राज्य में करीब 6590 ईंट-भट्ठे चल रहे हैं. इनमें से करीब 3771 ईंट-भट्ठों ने रॉयल्टी नहीं दिया है। इसके बाद अब विभाग ने इसके लिए खनन विकास अधिकारियों और खान निरीक्षकों को निर्देश जारी किया है और स्वामित्व वसूली के लिए विशेष अभियान चलाने के लिए कहा गया है. इसके तहत प्रत्येक जिलों में वसूली के लिए खान निरीक्षकों के बीच ईंट-भट्ठों को बांटा जायेगा।
आपको बताते चलें कि, राज्य के अंदर सभी ईंट-भट्ठे नयी तकनीक से संचालित हैं। पर्यावरण की सुरक्षा के लिए राज्य के ईंट-भट्ठों को नयी तकनीक से चलाने का निर्देश विभाग की तरफ से पहले से दिया जा चुका है। साथ ही बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इसका कड़ाई से पालन करवा रहा है नयी गाइडलाइन के अनुसार 31 मार्च ,2021 के बाद ईंट भट्ठों का संचालन अनिवार्य रूप से जिग-जैग ब्रिक तकनीक का उपयोग किया जा सकता है।