एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का फर्स्ट डोज लेकर बिहार में भारी मुसीबत में फंसा युवक, नौकरी जाने की चिंता

एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का फर्स्ट डोज लेकर बिहार में भारी मुसीबत में फंसा युवक, नौकरी जाने की चिंता

GAYA : विश्व भर में कोरोना से बचाव के लिए विभिन्न कंपनियों की वैक्सीन आने के बाद आम लोगों की परेशानी बढ़ गई है. लोग पसोपेश की स्थिति में हैं कि क्या किया जाये. ताजा मामला बिहार के गया जिले का है, जहां एक शख्स सऊदी अरब में एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का फर्स्ट डोज लेकर बड़ी मुश्किल में फंस गया है. हालात ऐसे हो गए हैं कि उसे अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है. इधर भारत सरकार ने इंटरनेशन फ्लाइट को बंद कर दिया है और उधर सऊदी अरब ने कोवैक्सीन या कोविशील्ड का डोज लेने वालों के लिए रस्ते बंद कर दिए हैं.


गया के मानपुर के अबगिला गांव में सऊदी अरब से आये कई लोगो के लिए कोवैक्सीन और कोविशिल्ड आफत बनी है. साथ ही एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का लेकर इंडिया आने वालों की भी मुसीबते बढ़ गई हैं. कई लोगों का कैरियर चौपट होने के कगार पर आ गया है. क्योंकि उनकी नौकरी जाने का खतरा बढ़ गया है. सऊदी से पिछले एक सप्ताह पहले अबगिला अपने घर लौटे वसी अहमद ने बताया कि सऊदी सरकार के द्वारा वहाँ कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर एस्ट्राजेनेका वैक्सीन दिया जा रहा है. पहला डोज तो वहां ले लिया है लेकिन अब यहां बिहार में सिर्फ कोवैक्सीन या कोविशील्ड ही दिया जा रहा है. अगर हम वापस दूसरी डोज लेने जाए तो 2 से 3 लाख रुपये का नुकसान होगा और अगर वापस वहां न जाय तो नौकरी चली जायेगी.


वसी अहमद बताते हैं कि पिछले सात वर्षों से इसी कम्पनी में इंस्ट्रूमेंट इलेक्ट्रॉनिक के पद पर काम कर रहे हैं. इस कोरोना काल में कोरोना ने जहां परेशान कर रखा है तो वहीं वैक्सीन से नौकरी पर आफत बनी है. उन्होंने भारत सरकार से गुहार लगाई है कि सऊदी सरकार से इस मसले पर बात करे या फिर सऊदी अरब की  मान्यता वाली वैक्सीन भारत में उपलब्ध सरकार कराये.


वहीं खुर्रम असरफी ने बताया कि वर्ष 2018 में वह सऊदी से वापस अपने घर लौटा था, फरवरी 2020 में सऊदी जाने के लिए वीजा लगाया था. लेकिन लॉकडाउन के कारण फंसा है. अब सोचा कि लॉकडाउन खत्म होते ही जैसे इंटरनेशनल फ्लाइट्स शुरू होगा तो सऊदी जाते मगर अब चिंता यह सता रही है कि अगर यह दोनों वैक्सीन ले लेंगे तो सऊदी में नो एंट्री नहीं होगा. इसी कारण वैक्सीन भी नही ले रहे हैं. अगर सरकार मान्यता प्राप्त वैक्सीन देती है तो वैक्सीन ले लेंगे.  चुकी वहां हम एतिसलात कम्पनी में सेल्स एक्सक्यूटिव के पद पर काम करते थे.


अबगिला मोहल्ले में वर्क फ्रॉम होम में कार्यरत सॉफ्टवेयर डेवलपर दाऊद अख्तर बताते हैं कि उसे सऊदी क्लाइंट साईट विजिट करना है, उसे वहां जाना है. इसलिए वे वैक्सीन नहीं ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर कोवैक्सीन या कोविशील्ड वैक्सीन ले लेते हैं तो पूरा कैरियर हीं खत्म हो जायेगा. सरकार सभी गल्फ और अन्य देशों में मान्यता वाली वैक्सीन उपलब्ध कराए या फिर भारत सरकार द्वारा दिये जा रहे वैक्सीन को सभी अन्य देशों में इसकी मान्यता दिलाये ताकि हमलोग वैक्सीन ले सकें और किसी भी देश में जा सकें.