बिहार के बाढ़ पीड़ित यूपी राहत कैंप में रहने को विवश, लोगों में खासा आक्रोश

बिहार के बाढ़ पीड़ित यूपी राहत कैंप में रहने को विवश, लोगों में खासा आक्रोश

BAGHA: बिहार के बाढ़ पीड़ितों की जिन्दगी उत्तर प्रदेश सरकार के राहत कैंप के भरोसे कट रही हैं। यह हम नहीं कह रहे बल्कि तस्वीरें कह रही है। यूपी राहत कैंप में रह रहे लोग कह रहे हैं। बिहार सरकार की ओर से राहत कार्य चलाए जाने की राह देखते-देखते जब लोग थक गये तब उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलाए जा रहे राहत शिविर में जाने का फैसला लिया। क्योंकि सवाल पेट का था ऐसे में पड़ोसी राज्य के कैंप में जाने को लोग विवश हो गये। लोगों के लिए यह कैंप डूबते को तिनके का सहारा जैसा साबित हुआ। यहां आए लोगों को यूपी सरकार की तरफ से हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध करायी गयी है।


उत्तर प्रदेश की ओर से बिहार के बाढ़ प्रभावित लोगों के रहने, खाने, इलाज सहित कई सुविधाएं मिल रही है। यूपी-बिहार बॉर्डर पर बने राहत कैंप में सैकड़ों लोगों के रहने की व्यवस्था की गयी है। यह सब यूपी सरकार के भरोसे हो रही है। कैंप में एसडीएम नजीर बने हुए हैं जो बिहार के प्रशासनिक पदाधिकारियों को यह आइना दिखाने का काम रहे हैं। बीते एक सप्ताह से बगहा के कांटी टोला के 80 घरों का परिवार सालिकपुर पुलिस चेक पोस्ट के पास यूपी सरकार द्वारा दिन-रात चलाए जा रहे राहत कैंप में अपने परिवार के साथ रह रहे हैं।


हद तो तब हो गई कि जब इन पीड़ित परिवारों को भोजन,पानी,नाश्ता, दवा तो दूर इनकी सुध लेने के लिए भी बिहार के अधिकारी नहीं पहुंचे। इस विपदा की घड़ी में बिहार के बाढ़ पीड़ितों के साथ यदि कोई थे तो वो यूपी सरकार और यूपी सरकार के अधिकारी थे जिन्हें खड्डा एसडीएम के नाम से जाना जा रहा है। यह अपनी पूरी टीम के साथ आज भी रात दिन कैंप करके बाढ़ पीड़ितों की मदद कर रहे हैं।


इस कैंप की चर्चा बिहार और यूपी के कई इलाकों में भी हो रही है। वही बिहार सरकार के प्रति बाढ़ पीड़ितों में खासा आक्रोश देखने को मिल रहा है। बीते एक सप्ताह से बगहा के कांटी टोला निवासी 80 घरों का परिवार सालिकपुर पुलिस चेक पोस्ट के पास यूपी सरकार द्वारा दिन-रात चलाए जा रहे राहत कैंप में अपने परिवार के साथ रह रहे हैं। साथ में लाए गये मवेशी भी इसी राहत कैंप में विचरण करते नजर आ रहे है। उत्तर प्रदेश सरकार के राहत कैंप में रह रहे लोगों में अपने सरकार के प्रति खासा आक्रोश देखने को मिल रहा है।


इन्हें इस बात का मलाल है कि बाढ़ से इनकी स्थिति दयनीय हो गयी थी। उस वक्त इनके आंखों के आंसू पोछने वाला भी कोई नहीं था। ना बिहार सरकार की नजर इन पर गई और ना ही सरकार के किसी अधिकारियों की ही।


यूपी के कैंप में रह रहे लोगों का कहना है कि वे काफी दिनों बिहार सरकार द्वारा राहत कार्य चलाए जाने को लेकर टकटकी लगाए बैठे थे लेकिन जब किसी तरह की मदद नहीं नसीब हुई तब वे पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा लगाए गये राहत कैंप में जाकर शरण लेना मुनासिब समझे। जहां आज भी परिवार के साथ वे कैंप में रह रहे हैं। बिहार के बाढ़ पीड़ित इस दौरान यूपी सरकार की तारिफ करते नहीं थक रहे हैं।