AURANGABAD : अगर सत्ता शीर्ष पर बैठा व्यक्ति गलत दावे करता रहे औऱ लोग उन दावों को सुन सुन कर परेशान होते रहें तो उन्हें क्या करना चाहिये. औऱंगाबाद की एक दलित बस्ती के दलितों ने इसका रास्ता दिखाया. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार काफी पहले से ये दावा करते रहे हैं कि उन्होंने राज्य के सभी गांव और टोलो को पक्की सड़क से जोड दिया है. नीतीश तो कह रहे हैं कि स़ड़क ही नहीं गांव की गलियां भी पक्की हो गयी है. औऱंगाबाद के दुसाध विगहा के लोग जब सरकार के झूठे दावों पर भरोसा कर परेशान हो गये तो आज विरोध का नया रास्ता अपनाया.
ऐसे खोली नीतीश के दावों की पोल
औऱंगाबाद में एक दलित बस्ती है हरनाथ टोला दुसाध विगहा. ये घेबरा पंचायत में आता है. इस बस्ती के लोगों ने आज एक खाट पर मरीज को लिटाया. इसे लाद कर ले जाते हुए सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की औऱ फिर उसका वीडियो बनाया. खाट पर पडे मरीज, उसे कंधे पर ले जाते लोग औऱ नीचे टूटी फूटी सड़क को दिखाते हुए ये वीडियो गांव के लोगों ने वायरल कर दिया. ग्रामीणों का कहना था कि अपनी पीडा दिखाने के लिए कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा था.
सरकार के झूठे वादों की पोल खोलता है दुसाध विगहा
दुसाध विगहा गांव में कोई पक्की सड़क नहीं है. इसके कारण लोगों काफी परेशान हैं. गांव में कोई गाड़ी नहीं पहुंचता. लिहाजा अगर कोई बीमार भी हो जाये तो उसे खाट पर लाद कर ही अस्पताल ले जाना पड़ता है. इलाज में देर होने के कारण कई लोग रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं. लोगों के मुताबिक बरसात आने के बाद 6 महीने तक गांव आने का कच्चा रास्ता बंद हो जाता है. इसके बाद गांव में जिंदगी थम जाती है. ग्रामीणों ने बताया कि साल के के 6 महीने जब पानी नहीं जमा होता तो वे पगडंडी के सहारे आते-जाते हैं लेकिन बारिश होने के बाद 6 महीने तक पैदल चलना भी मुश्किल होता है.
पोल खुली तो प्रशासन ने सड़क बनाने का एलान किया
दुसाध विगहा का वीडियो जब वायरल हुआ तब प्रशासन की नींद खुली. औऱंगाबाद के डीएम सौरभ जोरवाल ने कहा कि इस बस्ती में जल्द ही सडक बनवायी जायेगी. डीएम ने कहा कि जल्द ही सड़क का डीपीआर तैयार कर काम शुरू किया जायेगा. हालांकि लोगों का कहना है कि ऐसे भरोसे कई बार दिलाये गये. सरकार बार बार एलान करती है कि सभी टोले को पक्की सडक से जोड दिया गया है. इसके लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, मुख्यमंत्री योजना, 7 निश्चय जैसी कई योजनायें चलायी जा रही है. लेकिन औऱंगाबाद के अंबा प्रखंड के दर्जनों गांवों में आज भी पक्की सड़क नहीं बनी.
कई बार हुआ सर्वे
ग्रामीणों ने बताया कि उनके टोले को पक्की सड़क से जोडने के लिए कई बार सर्वे और मापी हुआ. जब कोई सरकारी नुमाइंदा गांव में सडक मापने आया तो लगा कि इस बार तो पक्की सड़क बन ही जायेगी. लेकिन सड़क आज तक नहीं बनी. जबकि गांव को पक्की सड़क से जोड़ने के लिए सिर्फ 700 मीटर लंबी नयी सड़क बनाने की जरूरत है.