ARA : 'अविनाश' मतलब शाश्वता, मतलब भगवान राम का अनंत नाम. 'अविनाश' का मतलब अक्षय होता है, वो जो अमर है, जो अनंत है. लेकिन ये अर्थ और चरितार्थ गलत और झूठ साबित हो गया है. उस परिवार के लिए जिन्होंने अपने होनहार बेटे 'अविनाश' को खो दिया है. बुधवार को बीपीएससी की ओर से 65वीं मुख्य परीक्षा का परिणाम घोषित किया गया, जिसमें अविनाश ने बाजी मारी. लेकिन वह अपनी सफलता को देख पाते. इससे पहले ही कोरोना ने उनकी सांसों की डोर को तोड़ दिया. रिजल्ट आने से सिर्फ एक सप्ताह पहले 24 जून को अविनाश ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया.
भोजपुर जिले के बैसाडीह के रहने वाले विजय शंकर उपाध्याय के बेटे ई0 अविनाश कुमार ने बीपीएससी 65वीं मेंस में सफलता हासिल की है. लेकिन दुःख की बात है कि बेटे के इस सफलता के बावजूद भी पूरा परिवार टूट चुका है. दरअसल बीपीएससी रिजल्ट आने से महज एक सप्ताह पहले कोरोना से अविनाश का निधन हो गया. 25 दिसंबर 1991 को जन्मे अविनाश बचपन से मेघावी थे. इन्होंने भोपाल टीआईटी से इलेक्ट्रॉनिक कम कम्युनिकेशन से बीटेक किया था. इंजीनियरिंग के फाइनल परीक्षा में स्टेट में सेकंड टॉपर बने थे.
अविनाश के चाचा नीलेश उपाध्याय बताते हैं कि कैंपस सेलेक्शन में अच्छा पैकेज मिलने के बावजूद भी अविनाश ने नौकरी को त्याग दिया था. उन्होंने सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू की. वो पढ़ने में जुनूनी थे. उनके ऊपर सिविल सर्विस में जाकर लोगों की सेवा करने का जूनून सवार था. लेकिन ये संभव न हो सका. बीपीएससी मेंस में बाजी मारने के बावजूद भी अविनाश अपने सपने को पूरा नहीं कर सकता. क्योंकि कोरोना ने उसकी सांसे छीन ली. बीते 24 जून को इलाज के क्रम में उनकी सांसे टूट गईं. नीलेश उपाध्याय ने कहा कि उनके परिवार ने एक चमकता सितारा को जगमगाने से पहले खो दिया.
अविनाश के मित्र निशि कांत राय बताते हैं कि "पिछले लगभग सवा महीने से लगातार हम उसके ठीक होने की उम्मीद कर रहे थे और अपने स्तर से प्रयास भी. लेकिन 24 जून की सुबह आई इस मनहूस खबर ने सारे प्रयासों पर एक झटके में पानी फेर दिया. अविनाश की उम्र महज 30 साल थी. पढ़ने लिखने में बचपन से ही मेधावी था. इंजीनियरिंग में अपने कॉलेज का सेकंड टॉपर. पढ़ाई के समय ही अच्छी नौकरी का ऑफर मिला, लेकिन उसे स्वीकार न कर यूपीएससी की तैयारी करने दिल्ली चला गया. मुखर्जी नगर में रहते हुए ही कोरोना से संक्रमित हो गया. लगभग एक-डेढ़ महीने तक कोरोना से जंग लड़ने के बाद अविनाश ने अपनों को अलविदा कह दिया."
गौरतलब हो कि बुधवार को बीपीएससी ने 65वीं मेंस का रिजल्ट जारी कर दिया. बीपीएससी 65वीं मेंस में इसबार 1142 अभ्यर्थियों ने बाजी मारी है. बिहार लोक सेवा आयोग ने आयोग की आधिकारिक वेबसाइट www.bpsc.bih.nic.in पर जारी किया है. बिहार लोक सेवा आयोग के सयुंक्त सचिव सह परीक्षा नियंत्रक अमरेन्द्र कुमार की ओर से मिली जानकारी के अनुसार इंटरव्यू में भाग लेने से पहले चयनित कैंडिडेट्स को एप्लीकेशन जमा करना होगा.
आपको बता दें कि इंटरव्यू के बाद फाइनल रिजल्ट जारी किया जायेगा. 14 विभागों में करीब 400 से अधिक पदों पर नियुक्ति होने वाली है. इसमें सबसे अधिक ग्रामीण विकास विभाग में 110 पद, डीएसपी के 62, बिहार शिक्षा सेवा के 72 पद निर्धारित है.