PATNA: बिहार कैडर के 113 आईपीएस अधिकारियों ने अपनी संपत्ति का ब्योरा सार्वजनिक नहीं किया है. केंद्र सरकार के नियमों के मुताबिक हर साल आईपीएस अधिकारियों को अपनी सारी संपत्ति का ब्योरा देना होता है. लेकिन बिहार के आईपीएस अधिकारी लेट-लतीफी कर रहे हैं. लिहाजा बिहार सरकार के गृह विभाग ने उन सबों को तत्काल संपत्ति का ब्योरा देने को कहा है।
बिहार सरकार के गृह विभाग के संयुक्त सचिव दिनेश कुमार राय की ओर से डीजीपी को पत्र जारी किया है. पत्र में कहा गया है कि बिहार कैडर के भारतीय पुलिस सेवा यानि आईपीएस के कुल 113 पदाधिकारियों ने अब तक साल 2022 की वार्षिक अचल सम्पत्ति विवरणी ऑनलाईन समर्पित नहीं किया है. गृह विभाग के पत्र में कहा गया है कि केंद्र सरकार के नियमों के मुताबिक भारतीय पुलिस सेवा के सभी पदाधिकारियों को प्रत्येक साल अपनी वार्षिक अचल सम्पत्ति विवरणी 31 जनवरी तक ऑनलाईन समर्पित करना जरूरी है।
भारत सरकार ने साफ कर दिया है कि जो पदाधिकारी अपनी संपत्ति का विवरण देंगे उन्हें ही विजलेंस क्लीयरेंस मिलेगा. इसके साथ ही उन अधिकारियों एसीआर भी लंबित रखा जायेगा. ऐसे में डीजीपी से आग्रह किया गया है कि वे सभी पदाधिकारियों को अपनी संपत्ति का ब्योरा 31 जनवरी से पहले दे देने का निर्देश जारी करें।
इन अधिकारियों ने नहीं दिया है ब्योरा
राज्य सरकार के गृह विभाग उन 113 अधिकारियों का नाम भी डीजीपी को भेजा है जिन्होंने संपत्ति का ब्योरा नहीं दिया है. उनमें मनु महाराज, शोभा अहोतकर, नैयर हसनैन खान, मानवजीत सिंह ढिल्लो, भानु प्रताप सिंह, किरण कुमार गोरख जाधव, ललित मोहन शर्मा, मनीष कुमार, मो. कासिम, सोनाक्षी सिंह, अरविंद कुमार प्रधान, मनमोहन सिंह, आर. मलारविजी, रविंद्र शंकरण, अनिल किशोर यादव, सुधांशु कुमार, अजिताभ कुमार, रत्न संजय, सुनील कुमार, विनय कुमार, एम. सुनील कुमांर नायक, निशांत तिवारी, अनुसूईया रणसिंह साहू, पंकज कुमार राज, सिद्धार्थ मोहन जैन, मो. शफीकुल हक, प्रणव कुमार प्रवीण, विवेक कुमार, किम, मनोज कुमार, हरप्रीत कौर, पुष्कर आऩंद, नीलेश कुमार समेत कुल 113 पदाधिकारियों के नाम हैं.