HAJIPUR : भारत-चीन सीमा पर देश की रक्षा में वैशाली का लाल शहीद हो गया है। चीनी सैनिकों से हुई झड़प में वीरता के साथ सामना करते हुए बिहार के लाल जयकिशोर सिंह ने हंसते-हंसते मौत को गले लगा लिया। दो साल पहले देश सेवा के जज्बे के साथ भारतीय सेना में शामिल हुए जयकिशोर की शहादत पर आज पूरा देश गर्व कर रहा है।
शहीद जयकिशोर सिंह की शहादत की सूचना के बाद वैशाली के जंदाहा के चकफतेह गांव में मातमी सन्नाटा पसर गया है। हर किसी की जुबान पर गांव के बेटे की शहादत की चर्चा है। गांव वालों को देश रक्षा में शहादत देने वाले बेटे पर गर्व है। जयकिशोर सिंह बिहार रेजीमेंट सेंटर के जवान थे। वर्ष 2018 में उन्होनें इंडियन आर्मी ज्वाइन किया था। वे भारत-तीन बॉर्डर पर गलवान में तैनात थे। जहां चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में उन्होनें जमकर विरोधियों का मुकाबला किया। उन्होनें सीमा पर देश का सीना झुकने नहीं दिया।
शहीद जय किशोर सिंह चार भाईयों में दूसरे नम्बर पर हैं। शहीद जय किशोर सिंह के बड़े भाई नंद किशोर सिंह भी सेना के जवान हैं जो 2012 में भर्ती होने के बाद देश की सेवा कर रहे हैं। शहीद जय किशोर सिंह 2018 में सेना में भर्ती हुए थे। पिता राज कपूर सिंह किसान हैं, जय किशोर सिंह के तीसरे भाई शिवम कुमार ने अभी इंटर की परीक्षा पास की है तथा चौथे भाई कौशल कुमार नौवीं क्लास में पढ़ रहे हैं। सभी भाईयों के बीच सबसे बड़ी बहन की शादी कन्हौली के विशनपुर में हुई है। परिवार वालों को अपने भाई, अपने बेटे की शहादत पर गर्व है। वे कहते हैं कि जय किशोर की शहादत बेकार नहीं जानी चाहिए। देश को उनकी शहादत का बदला लेना होगा।
बता दें कि लद्दाख के गलवान घाटी में LAC पर चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 बहादुर जवान शहीद हो गए। भारतीय जांबाजों ने भी बॉर्डर पर डटकर सामना करते हुए कई चीनी सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन के 43 सैनिक मारे गए हैं। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जायेगा। देश की संप्रभुता सर्वोच्च है। देश की सुरक्षा करने से हमे कोई रोक नहीं सकता। इस बारे में किसी को भी जरा भी भ्रम या संदेह नहीं होना चाहिये।