PATNA : बिहार में जमीन सर्वे से जुड़े अधिकारियों और अमीनो का एड्रेस वेरीफिकेशन कराया जाएगा। अगर उनकी तरफ से दिया गया पता गलत निकला तो केस भी दर्ज होगा और साथ ही साथ विभागीय कार्रवाई भी होगी। दरअसल राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग अपने लापता अधिकारियों को लेकर इन दिनों परेशान है। यही वजह है कि विभाग के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने बंदोबस्त पदाधिकारियों की वर्चुअल मीटिंग के दौरान यह ऐलान कर दिया कि अगर अधिकारियों और कर्मचारियों का पता सही नहीं पाया गया तो उन्हें वेतन भी नहीं मिलेगा।
दरअसल जहानाबाद और अरवल जिले में विशेष सर्वेक्षण सहायक के बंदोबस्त पदाधिकारी और कानूनगो के साथ-साथ अमीन अपनी ड्यूटी से गायब पाए जाते हैं। इस वजह से जमीन सर्वे का काम बेहद सुस्त गति से चल रहा है। इन दोनों जिलों के पदाधिकारियों और कर्मियों के पते की वास्तविक जांच कराने का निर्देश अपर मुख्य सचिव ने दिया है। उन्होंने कहा है कि 24 घंटे के अंदर एड्रेस वेरीफिकेशन कराया जाए और ड्यूटी से गायब कर्मियों के बारे में अगर जानकारी नहीं मिलती है तो इस बाबत मुख्यालय को बताते हुए एफआईआर दर्ज कराया जाए। साथ ही साथ अपने पते पर रहने वाले कर्मियों को ही वेतन का भुगतान करने का निर्देश विभागीय अपर मुख्य सचिव ने दिया है। विवेक कुमार सिंह ने कहा है कि बंदोबस्त पदाधिकारी लगातार शिविरों का भ्रमण करें और सर्वे कर्मियों के कार्यों की समीक्षा करें इसमें कोई भी कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
वर्चुअल मीटिंग के दौरान अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह इतने नाराज थे कि उन्होंने यहां तक कह दिया कि अगर नाकारा आदमी विभाग में है तो उससे बेहतर है वह ना रहे। बंदोबस्त पदाधिकारी लगातार काम करेंगे तभी जमीन सर्वे का काम समय पर पूरा हो सकता है। अररिया जिले के भरगामा शिविर प्रभारी के 2 महीने से गायब रहने की शिकायत पर उन्होंने ऐसे कर्मी को तत्काल सेवा से मुक्त करने का निर्देश दिया है। विशेष सर्वेक्षण में लगे सभी कर्मियों को अपने शिविर में ही रह कर काम करना है। निदेशक जय सिंह ने सभी 20 जिलों के बंदोबस्त पदाधिकारियों को अपने कर्मियों के पते को सत्यापित करने के बाद ही जनवरी महीने का वेतन रिलीज करने का निर्देश दिया है।