ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar News: 30 मई को बिहार दौरे पर नरेंद्र मोदी, इस एयरपोर्ट का करेंगे उद्घाटन; सासाराम में बड़ी जनसभा में होंगे शामिल Bihar News: अब गांव-गांव पहुंचेगी बैंकिंग सेवा, बिहार सरकार खोलेगी 144 नई शाखाएं; होगा रोजगार का श्रृजन BIHAR: राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने शहीद इम्तियाज को दी श्रद्धांजलि, राष्ट्र के लिए सर्वोच्च बलिदान को किया नमन Life Style: गर्मी में सेहत का असली साथी है बेल का शरबत, ये 5 फायदे जानकर रह जाएंगे हैरान Punganur cow: दुनिया की सबसे छोटी पुंगनूर गाय की खूबियाँ सुनकर उड़ जाएंगे होश, ऋषि-मुनि भी इस गाय को पालते थे! Success Story: विदेश में पढ़े इस युवक ने छोले-कुलचे को बनाया ब्रांड, अब कमा रहे हैं करोडों रुपए; जानिए...अनोखी स्टार्टअप की जर्नी Ajay Devgn: "कराटे किड: लेजेंड्स" में बाप-बेटे की एंट्री, बॉक्स-ऑफिस पर धमाल मचा देगी यह बहुप्रतीक्षित फिल्म Bihar Passport News: बिहार में पासपोर्ट बनाने का नया हब! जानिए किस जिले ने सीवान और छपरा को छोड़ा पीछे Bihar Crime News: दिनदहाड़े कार सवार व्यवसायी से 5 लाख की लूट, फ़िल्मी अंदाज में दिया गया वारदात को अंजाम Bihar Crime News: भतीजी की शादी से पहले चाचा की मौत, संदिग्ध अवस्था में शव बरामद

बिहार : हाई कोर्ट ने कैबिनेट मंत्री के प्रतिवादी बनाने पर जताई आपत्ति, नाम हटाने का दिया निर्देश

1st Bihar Published by: Updated Sat, 05 Feb 2022 07:56:38 AM IST

बिहार : हाई कोर्ट ने कैबिनेट मंत्री के प्रतिवादी बनाने पर जताई आपत्ति, नाम हटाने का दिया निर्देश

- फ़ोटो

PATNA : जनहित याचिका में राज्य के कैबिनेट मंत्री को भी प्रतिवादी बनाने पर पटना हाई कोर्ट ने हैरानी जताते हुए  टिप्पणी किया है कि याचिका को बिना सोचे समझे आखिर ऐसे मामलें क्यों दायर किया जाता है ? मामला बिहार राज्य खाद्य निगम के वित्तीय लेखा जोखा के लिए चार्टर्ड एकाउंटेंट को नियुक्त करने हेतु जारी किए गए टेंडर नोटिस को रद्द करने से जुड़ा हुआ है। 


इस नोटिस के विरुद्ध सीए संजय कुमार झा ने एक जनहित याचिका दायर किया था, जिसमें पहला प्रतिवादी खाद्य उपभोक्ता मंत्री लेशी सिंह को बनाया गया था। सुनवाई के दौरान राज्य खाद्य निगम के वरीय अधिवक्ता अंजनी कुमार ने प्रारंभिक आपत्ति दर्ज करते हुए कहा कि इस याचिका में सरकार के कैबिनेट मंत्री को प्रतिवादी बनाना गलत और अनुचित है। इसलिए उन्होंने याचिका को खारिज करते हुए कोर्ट से याचिकाकर्ता पर अर्थदंड लगाने का अनुरोध किया था। उन्होंने कोर्ट को बताया कि मंत्री की कार्यवाही कोई व्यक्तिगत नहीं है और न ही कोई दुर्भावना का आरोप लगाया गया है।


फिर रिट याचिकाओं में मंत्री को प्रतिवादी बनाना न ही सिर्फ अनुचित है, बल्कि कानूनी प्रक्रियाओं का दुरुपयोग भी है। चूंकि  याचिकाकर्ता के वकील की तबियत खराब थी, इसलिए मामले को  स्थगित करने का अनुरोध कोर्ट से किया गया था। चीफ जस्टिस संजय करोल  की खण्डपीठ ने याचिका में दर्ज  कैबिनेट मंत्री का नाम को प्रतिवादियों की सूची से हटाने का निर्देश रजिस्ट्री को देते हुए मामले को 7 फरवरी,2022 तक  स्थगित कर दिया।


इसी प्रकार से दरभंगा के हायाघाट को नगर पंचायत बनाने को लेकर दायर हुई एक अन्य जनहित याचिका में भारत के महालेखाकार को प्रतिवादी बनाए जाने को लेकर भी कोर्ट ने अपनी नाराजगी जताई थी। खण्डपीठ ने याचिकाकर्ता विश्वनाथ मिश्रा के अधिवक्ता को जनहित याचिका वापस लेने की अनुमति देते हुए मामले को निष्पादित कर दिया।