AURANGABAD : खबर औरंगाबाद से आ रही है, जहां सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता हाथ लगी है। बिहार और झारखंड पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में सुरक्षाबलों ने करीब 50 वारदातों को अंजाम देने वाले 15 लाख के इनामी भाकपा माओवादी के रीजनल कमांडर विनय यादव को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार नक्सली कई नामों से जाना जाता है। औरंगाबाद और पलामू पुलिस के साथ साथ सीआरपीएफ और कोबरा की संयुक्त कार्रवाई में पुलिस को यह कामयाबी मिली है। गिरफ्तार नक्सली लंबे समय से बिहार और झारखंड पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ था।
शुक्रवार को औरंगाबाद और पलामू एसपी ने संयुक्त रूप से इस बात की जानकारी दी। औरंगाबाद एसपी कांतेश कुमार मिश्रा ने बताया कि गिरफ्तार रीजनल कमांडर विनय यादव वर्ष 2003 से ही नक्सली कांडों में सक्रिय रहा है। साल 2016 से जोनल तथा रिजिनल कमांडर के तौर पर औरंगाबाद के मदनपुर, सलैया, ढिबरा, देव तथा गया के बांके बाजार एवं पलामू के विभिन्न क्षेत्रों में नक्सली कांडों को अंजाम दे रहा था। एसपी ने बताया कि गिरफ्तार नक्सली पर औरंगाबाद में 47 और गया एवं बाराचट्टी में 7 मामले दर्ज हैं। गिरफ्तार नक्सली के नेतृत्व में वर्ष 2016 में गया के डुमरी नाला में आईडी ब्लास्ट किया गया था। जिसमें 10 जवान शहीद हुए थे। विनय यादव को कमल जी उर्फ किसलय जी उर्फ मुराद जी के नाम से भी जाना जाता है।
एसपी ने बताया कि गिरफ्तार नक्सली अंबा का रहने वाला है और औरंगाबाद में उसे कुछ लोगों के द्वारा संरक्षण भी दिया जा रहा था, इस मामले में अमरेंद्र पासवान एवं इदरीस अंसारी को भी गिरफ्तार किया गया है। नक्सली के निशानदेही पर छकरबंधा के जंगल में छिपाकर रखे गए 20 लाख रुपए बरामद किए गए हैं। एसपी ने बताया कि यह रुपए पूर्व नक्सली जोनल कमांडर संदीप यादव के द्वारा लेवी में वसूले गए थे। जिसका उपयोग उनके मरने के बाद विनय यादव के द्वारा नक्सलियों के सपोर्ट में किया जा रहा था।उ न्होंने बताया कि पुलिस के लिए तीसरी बड़ी उपलब्धि है। क्योंकि इसके पूर्व भी विभिन्न जिलों के द्वारा चलाया जा रहे संयुक्त ऑपरेशन से 50 लाख के इनामी नक्सली मिथिलेश मेहता एवं कुख्यात नक्सली विजय आर्या को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल हुई थी।