PATNA: यदि आप भी किसी का मोबाइल नंबर गुगल से निकालते हैं तो यह खबर आपके लिए है। अभी से ही आप सावधान हो जाए और गुगल में किसी का मोबाइल नंबर सर्च ना करे। क्योंकि ऐसा करके लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं। पूनम नाम की महिला भी साइबर ठगी का शिकार हो गयी हैं। बैंक मैनेजर बन साइबर फ्रॉड ने 96 हजार 540 रूपये की निकासी कर ली अब अपनी गलती पर पूनम अफसोस जता रही है।
दरअसल बैंक ने पूनम कुमारी का रेकरिंग अकाउंट ओपेन कर दिया था। बिना पूनम की रजामंदी के ही आरडी अकाउंट खोला गया जिसे बंद कराने के लिए पूनम ने गुगल में बैंक का मोबाइल नंबर सर्च किया। गुगल पर बैंक मैनेजर का नंबर मिलने के बाद पूनम ने फोन लगाया फिर साइबर ठग ने खुद को बैंक मैनेजर बताया और पूनम से बातचीत की। पूनम से उसकी परेशानियों के बारे में पूछा जब उसने बताया कि बिना बताये बैंक की तरफ से आरडी अकाउंट खोल दिया गया है जिसे वो बंद करवाना चाहती है। फिर साइबर ठग ने जैसे-जैसे से फोन पर कहा ठीक वैसा ही पूनम करने लगी और अचानक बैंक अकाउंट से कटे 96 हजार 540 रूपये गायब हो गये।
पैसे अकाउंट से निकलने का मैसेज आते ही पूनम घबरा गयी। उसे समझ में नहीं आ रहा था कि पैसा कैसे गायब हो गया। जब तक पूनम कुछ समझ पाती तब तक साइबर ठग अपने मंसूबें में कामयाब हो चुका था। अकाउंट खाली होने के बाद पूनम को अपनी गलतियों का एहसास हुआ। वो समझ गयी कि साइबर ठगी का शिकार हो गयी है। जिसके बाद आनन-फानन में वो साइबर थाने पहुंची जहां पुलिस को मामले की जानकारी दी। कोतवाली थाना क्षेत्र के शादीपुर निवासी पूनम कुमारी ने एक्सिस बैंक कदमकुंआ पटना शाखा स्थित बैंक खाता से साइबर फ्रॉड द्वारा 96540 रुपए निकासी करने की लिखित शिकायत साइबर थाना मुंगेर में दर्ज कराई है।
जिसमें बताया है कि बिना उसके अनुमति के रेकरिंग खाता खोल कर तीन हजार करके दो किश्त में राशि काट ली गई। रेकरिंग खाता बंद कराने के लिए गुगल पर शाखा प्रबंधक का नंबर सर्च कर उस पर कॉल किया। शाखा प्रबंधक द्वारा रेकरिंग खाता को बंद करने के लिए व्हाटसएप पर एक ऐप भेजा गया। शाखा प्रबंधक द्वारा बताए गए निर्देश के अनुसार वह मोबाइल पर लिंक अपलोड करने लगी इस दरम्यान उसके खाता से 96540 रुपए की निकासी कर ली गई।
साइबर थानाध्यक्ष ने बताया कि गुगल से सर्च किया गया ब्रांच मैनेजर का नंबर फर्जी या फ्रॉड का था। जिसकी शिकार पूनम कुमारी हुई है। आवेदन के आलोक में प्राथमिकी दर्ज कर छानबीन की जा रही है। उन्होंने बैंक उपभोक्ताओं से अपील की है कि अधिकारिक बेवसाइट से या कार्यालय जाकर अधिकारियों का नंबर सर्च करें। गुगल पर नंबर सर्च कर एप डाउनलोड करने वाले उपभोक्ता साइबर फ्रॉड के शिकार हो सकते हैं।