बिहार : जिस थाने का सचिन के फैन ने किया था उद्घाटन, उसी थाने में पुलिस ने कर दी पिटाई, जानिए क्या है मामला

बिहार : जिस थाने का सचिन के फैन ने किया था उद्घाटन, उसी थाने में पुलिस ने कर दी पिटाई, जानिए क्या है मामला

MUZAFFARPUR : पूर्व भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के फैन सुधीर कुमार की एक पुलिसकर्मी ने पिटाई कर दी। मुजफ्फरपुर जिले के टाउन थाना के मुंशी ने उन्हें दो लात मारी और गाली देकर थाना से भगा दिया। घटना देर शाम की बताई जा रही है। एक चर्चित हस्ती के साथ ऐसी घटना से लोग हैरान हैं। जिस थाने में सुधीर के साथ यह घटना हुई उस भवन का उद्घाटन भी सुधीर ने ही किया था।


दरअसल, यह मामला उनके चचेरे भाई किशन कुमार से जुड़ा है। गुरुवार को टाउन थाना की पुलिस ने सुधीर के भाई को हिरासत में लिया था। सुधीर भागते हुए टाउन थाना पहुंचे। देखा कि उनका भाई हवालात में बंद है। वे उससे पूछने लगे कि किस मामले में उठाया है। 


उसने बताया कि उसके एक दोस्त ने जमीन खरीदा था। जमीन खरीदने में उसका नाम गवाह के रूप में दिया हुआ था। शायद उस जमीन को लेकर कुछ लफड़ा हुआ था। उसी में एक पक्ष ने FIR दर्ज कराया था। जबकि इसके बारे में उसे कुछ जानकारी भी नहीं है। फिर भी पुलिस उसे पकड़ कर ले आयी है।


सुधीर इसी सिलसिले में अपने भाई से बात कर रहे थे। तभी उस थाने का एक मुंशी गुस्से में बाहर निकला और विवाद करने लगा, और गाली देना शुरू कर दिया। जब सुधीर ने इसका विरोध किया तो मुंशी मारपीट पर आ गया और लातों से मरने लगा। इसके बाद सुधीर वहां से चुपचाप बाहर निकल गए। फिर DSP से शिकायत की।


सुधीर ने कहा कि यह मेरा दुर्भाग्य है कि आज से कुछ साल पहले जब यह थाना भवन नया बना था। उस समय उन्हें सेलिब्रिटी के तौर पर उद्घाटन करने के लिए बुलाया गया था। उन्होंने फीता काटकर इसका उद्घाटन भी किया था। लेकिन, आज उसी थाना पर उनके साथ मारपीट की गई है। जब मेरे साथ इस तरह की घटना हो सकती है, तो आम जनता के साथ पुलिस कैसे पेश आती होगी। ये समझा जा सकता है।


वही पूरे मामले पर पूछे जाने पर नगर डीएसपी राम नरेश पासवान ने बताया कि किसी तरह का दुर्व्यवहार नहीं हुआ है। जमीनी विवाद में किशन कुमार नाम के युवक को पुलिस ने हिरासत में लिया था जिसको पूछताछ के लिए रखा गया था उसी से बात करने अचानक सुधीर आए थे। पुलिस कर्मियों को यह जानकारी नहीं थी कि कौन व्यक्ति है जो बातचीत कर रहे हैं। उन्हें बात करने से रोका गया था और कोई बड़ी बात नहीं है। समझा-बुझाकर मामला शांत कराया गया। 


ऐसे भी नियमानुसार पुलिस अगर किसी को हिरासत में रखी है तो परिजन उसके संबंधित वरीय अधिकारी से मिलकर बातचीत कर सकते हैं। अगर प्रशासन की इजाजत होगी तब लेकिन सुधीर ने ऐसा नहीं किया था। आगे से इस बात का ध्यान रखने को कहा गया है जिसके बाद वह मान गए हैं और अपनी गलती का भी एहसास किये है। सुरक्षा कारणों की वजह से पुलिस हिरासत में लिए गए। व्यक्तियों को किसी से बातचीत और मिलने जुलने तथा खाने-पीने पर रोक रहती है।