AURANGABAD: औरंगाबाद सदर अस्पताल में महिला की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा मचाया और डॉक्टरों की पिटाई कर दी। परिजनों का आरोप है कि कोरोना वैक्सीन का दूसरा डोज लेते ही महिला की हालत बिगड़ गयी और कुछ देर बाद उसकी मौत हो गयी।
मृतका की पहचान औरंगाबाद के ओबरा प्रखंड के खुदवां थाना क्षेत्र के भदुआ निवासी जीतेंद्र सिंह की पत्नी रिंकू देवी के रूप में हुई है। मृतका के पति जीतेंद्र सिंह ने बताया कि दो दिन बाद उनकी बेटी की शादी होने वाली थी। शादी से पहले कोरोना की दूसरी डोज लगवाने के लिए उनकी पत्नी औरंगाबाद सदर अस्पताल पहुंची थी। रिंकू देवी को कोरोना टीका का दूसरा डोज लगाया भी गया। लेकिन वैक्सीन की दूसरी डोज लेने के बाद उसकी तबीयत बिगड़ गयी। टीका लेकर जब वह घर के लिए निकली तब रास्ते में ही वह गिर पड़ी। जिसके बाद उसे अस्पताल लाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
इस घटना की जानकारी जैसे ही परिजनों को मिली वे आवेश में आ गये और हंगामा करने लगे। अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए परिजनों ने अस्पताल में तोड़फोड़ और डॉक्टरों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटने लगे। अस्पताल के डॉक्टर अमृत कुमार और उपाधीक्षक डॉ. विकास कुमार परिजनों के हाथ लग गए। जिसके बाद उन्हें लोग ने पीटने लगे। दोनों डॉक्टरों ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचायी। इस दौरान सदर अस्पताल परिसर रणक्षेत्र में तब्दिल हो गया।
हंगामे की सूचना मिलते ही मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल पहुंची जिसके बाद स्थिति पर काबू पाया गया। मृतका के पति ने बताया कि कोरोना का दूसरा डोज लेने के बाद उनकी पत्नी की तबीयत बिगड़ गयी। टीका लेते ही अस्पताल परिसर में चार कदम चलते ही गिर पड़ी। डॉक्टरों को देखने को कहा तो वे आनाकानी करने लगे। एक डॉक्टर आये तो उन्होने देखते ही उसे मृत घोषित कर दिया।
वही सदर अस्पताल के चिकित्सको ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने के बाद घटना के सही कारणों का पता चल पाएगा। डॉक्टरों ने परिजनों द्वारा पिटाई की बात कही है और कार्रवाई की मांग की है।
गौरतलब है कि औरंगाबाद सदर अस्पताल के डॉक्टरों पर आये दिन लापरवाही के आरोप लगते रहे है। अभी दो दिन पहले भी अस्पताल में एक महिला की मौत पर परिजनों ने तोड़फोड़ की थी और एक डॉक्टर की पिटाई की थी। अस्पताल में दो दिनो के अंदर हंगामा और डॉक्टरों की पिटाई का यह दूसरा मामला है। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।