ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Election 2025: सासाराम में सीएम योगी की ललकार, महागठबंधन पर जमकर बरसे; उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी स्नेहलता कुशवाहा के लिए मांगे वोट Bihar Election 2025: बिहार चुनाव में नहीं चलेगा ‘लाल पानी’ का खेल, वोटिंग से पहले शराब स्मगलर्स के खिलाफ बड़ा अभियान, ड्रोन और स्कैनर से हो रही निगरानी Bihar Election 2025: बिहार चुनाव में नहीं चलेगा ‘लाल पानी’ का खेल, वोटिंग से पहले शराब स्मगलर्स के खिलाफ बड़ा अभियान, ड्रोन और स्कैनर से हो रही निगरानी Bihar News: पटना में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का दो दिवसीय ट्रेनिंग कार्यक्रम संपन्न, सेवाओं के विस्तार की दिशा में उठाया गया बड़ा कदम Bihar News: पटना में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का दो दिवसीय ट्रेनिंग कार्यक्रम संपन्न, सेवाओं के विस्तार की दिशा में उठाया गया बड़ा कदम Bihar Assembly Elections : बिहार चुनाव को लेकर बॉर्डर हुआ सील, बड़ी गाड़ियों के प्रवेश पर रोक Bihar Election 2025: वोटिंग करने से पहले जरुर जान लें यह बातें, पोलिंग बूथ पर जाकर नहीं होगी कोई परेशानी Bihar Special Trains: यात्रियों के लिए खुशखबरी! बिहार से चलेंगी इतनी स्पेशल ट्रेनें, जानें क्या है टाइमिंग और रुट? Bihar Election : पटना में गंगा नदी में नाव परिचालन पर रोक, SDO ने जारी किया आदेश; जानिए क्या है वजह Bihar Election 2025: बिहार में वोटिंग से पहले पुलिस का बड़ा एक्शन, आशा कार्यकर्ता के घर से 32.42 लाख कैश जब्त

बिहार विधान परिषद चुनाव: RJD ने माले को भी गच्चा दे दिया, महागठबंधन से कांग्रेस टोटली आउट

1st Bihar Published by: Updated Mon, 30 May 2022 07:30:18 PM IST

बिहार विधान परिषद चुनाव: RJD ने माले को भी गच्चा दे दिया, महागठबंधन से कांग्रेस टोटली आउट

- फ़ोटो

PATNA: बिहार में विधानसभा कोटे से विधान परिषद की 7 सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए RJD ने अपने 3 उम्मीदवारों के नाम का एलान कर दिया। राजद के एलान के बाद ये साफ हो गया कि लालू प्रसाद यादव और राजद ने भाकपा माले को भी गच्चा दे दिया है। राजद ने इस चुनाव में माले को एक सीट देने का भरोसा दिलाया था लेकिन माले को ठेंगा दिखा दिया गया। राजद ने एक बार फिर ये बता दिया कि बिहार के विपक्षी महागठबंधन से कांग्रेस पूरी तरह से आउट कर दी गयी है।


विपक्ष की सभी सीटें राजद के पास 

बता दें कि बिहार में विधानसभा कोटे से विधान परिषद की सात सीटों पर चुनाव हो रहा है. इन सीटों के लिए 20 जून को मतदान होना है औऱ नामांकन दो जून से शुरू हो रहा है. विधानसभा में जो विधायकों की संख्या है उसे देखते हुए सत्तारूढ एनडीए के पास चार तो विपक्षी महागठबंधन में तीन सीटें जायेंगी. बिहार में विपक्षी पार्टियों के पास विधायकों की जो संख्या है उसमें राजद के पास दो सीट जाने और उसकी सहयोगी पार्टी में से किसी के पास एक सीट जाने की चर्चा थी. लेकिन राजद ने सारे सहयोगियों को एक साथ गच्चा दे दिया। 


कांग्रेस को नकारा, माले को गच्चा 

बिहार में विपक्षी पार्टियों के विधायकों की जो तादाद है उसमें राजद के बाद कांग्रेस के पास सबसे ज्यादा विधायक हैं. राजद के पास 75 विधायक हैं तो कांग्रेस के 19. कायदे से विधान परिषद की एक सीट पर कांग्रेस को मिलनी चाहिये थी. लेकिन 2020 के विधान सभा चुनाव के बाद से ही राजद ने कांग्रेस को साफ अलग थलग कर दिया था. राजद ने विधान सभा सीटों पर हुए उप चुनाव से लेकर स्थानीय निकाय कोटे से होने वाले विधान परिषद चुनाव में कांग्रेस का कोई नोटिस तक नहीं लिया था. लिहाजा ये पहले से माना जा रहा था कि विधानसभा कोटे से होने वाले विधान परिषद चुनाव में भी राजद कांग्रेस को कुछ नहीं देने जा रही है. जैसी चर्चा थी, वैसा ही हुआ।


लेकिन सबसे दिलचस्प रहा, भाकपा माले के साथ राजद का सलूक. बिहार विधान परिषद में भाकपा माले के 12 विधायक हैं. चर्चा ये थी कि विधान परिषद चुनाव में राजद माले के लिए एक सीट छोड़ने जा रही है. लेकिन राजद ने सभी सीटें अपने पास रख लीं. फर्स्ट बिहार ने माले के नेताओं से संपर्क साधा तो वे राजद के रवैये से हैरान थे. माले के एक वरीय नेता ने बताया कि पार्टी की बैठक होने जा रही है जिसके बाद आधिकारिक प्रतिक्रिया दी जायेगी. लेकिन राजद का रवैया हैरान करने वाला है. राजद ने विधान परिषद चुनाव को लेकर माले के नेताओं से बात की थी. माले नेता ने बताया कि उन्हें विधान परिषद की एक सीट देने का भरोसा दिलाया गया था। 


राजद को भारी पड़ सकती है माले की नाराजगी

2020 के विधान सभा चुनाव के बाद बदली बदली सी दिख रही राजद कांग्रेस को पूरी तरह खारिज कर चुकी है. दरअसल लालू परिवार ये मान रहा है कि विधानसभा के उस चुनाव में कांग्रेस ने एक तरह से ब्लैकमेल कर 70 सीटें ले लीं और कमजोर उम्मीदवार उतार कर महागठबंधन की लुटिया डूबो दी. राजद का मानना है कि कांग्रेस के कारण ही तेजस्वी मुख्यमंत्री बनते बनते रह गये. लिहाजा राजद कांग्रेस को नकार रही है. लेकिन भाकपा माले के साथ ऐसा सलूक लालू परिवार की सियासत को भारी नुकसान पहुंचा सकता है. सियासी जानकार मानते हैं कि 2020 के विधानसभा चुनाव में माले ने अपने प्रभाव वाले 50 से ज्यादा विधानसभा सीटों में 10 से लेकर 20 हजार तक वोट राजद उम्मीदवारों को ट्रांसफर करा दिया था. माले के प्रभाव वाले इलाकों में तभी राजद की सफलता का रेट काफी बेहतर था। 


अब लालू परिवार की महत्वाकांक्षा से भाकपा माले में नाराजगी है. ये नाराजगी भारी पड़ सकती है. वैसे राजद के नेताओं को ये उम्मीद है कि वे बातचीत कर माले को मना लेंगे. लेकिन अगर माले का साथ छूटा तो तेजस्वी का मुख्यमंत्री बनने के सपना पर भी ग्रहण लग सकता है. वैसे इंतजार इस बात का है कि भाकपा माले राजद के इस रवैये पर आधिकारिक तौर पर क्या बयान देती है. क्या लालू परिवार वाकई माले नेताओं को मना लेगा या फिर एक और दुश्मन खड़ा करेगा.