AURANGABAD : किशोर बदियों को सुरक्षित तरीके से रखने के लिए औरंगाबाद के बभंडी में बना 'प्लेस ऑफ सेफ्टी' अब बेहद असुरक्षित हो गया है। यहां किशोर बंदियो के लिए हंगामा, बवाल, मारपीट, तोड़फोड़ और फरारी आम सा हो गया है। अभी ताजा मामले में एक किशोर बंदी की बेरहम हाथ तोड़ पिटाई और प्राण रक्षा की गुहार का वीडियो वायरल हाेने के दूसरे ही दिन मंगलवार को इसी प्लेस ऑफ सेफ्टी में एक अन्य किशोर बंदी के जहर खा लेने से भारी बवाल मच गया।
इतना तक कि बवाल को दबाने और बदनामी से बचने के लिए प्लेस ऑफ सेफ्टी प्रशासन द्वारा जहर खाने वाले किशोर बंदी को अस्पताल ले जाने के बजाय बेहद गोपनीय तरीके से अंदरखाने में ही इलाज कराया गया लेकिन बात खुल ही गयी। बात खुलने के बाद प्लेस ऑफ सेफ्टी प्रशासन द्वारा दावा किया गया कि इलाज के बाद बंदी की हालत में सुधार है।
विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक किशोर बंदी द्वारा जहर खाने के बाद प्लेस ऑफ सेफ्टी के सभी बंदी हंगामा पर उतर आए और उनके द्वारा खाना खाने से भी इनकार कर दिया गया। बताया जा रहा है कि प्लेस ऑफ सेफ्टी में एक किशोर बंदी ने सुसाइड के इरादे से मच्छर मारने वाली दवा पी ली। इसके बाद अफरा तफरी मच गयी। मामले को दबाने के लिए बंदी को इलाज के लिए अस्पताल ले जाए जाने के बजाय डॉक्टर को ही प्लेस ऑफ सेफ्टी के अंदर बुलाकर उसका इलाज कराया गया।
इस बारे में पूछे जाने पर वरीय उप समाहर्ता सह 'प्लेस ऑफ सेफ्टी' के प्रभारी सह बाल संरक्षण पदाधिकारी सुजीत कुमार ने बताया कि एक किशोर बंदी ने मच्छर मारने वाला लिक्विड पी लिया था। इसके बाद डॉक्टर से उसके स्वास्थ्य की जांच और इलाज कराई गई। स्थिति पूरी तरह सामान्य और सब कुछ नॉर्मल है। इसे लेकर किसी बंदी को कोई परेशानी या शिकायत नहीं है।
कहा कि कुछ बिगड़ैल किस्म के किशोर बंदियों द्वारा अपनी बात को जबरन मनवाने तथा मनमानी के लिए इस तरह की हरकत की और कराई जा रही है। कहा कि सभी बंदियों को समझा-बुझा कर अनुशासन में रहने की ताकीद की गयी है। शासन-प्रशासन के अधिकारियों की बंदियों की हर गतिविधि पर लगातार पैनी नजर बनी हुई हैं। गौरतलब है कि इसके पूर्व भी यहां से दर्जनो किशोर बंदी फरार हो चुके है, जिन्हे बाद में अलग-अलग स्थानों से पकड़कर लाया गया था।