बिहार : अब अस्पताल के छत पर मिली शराब की बोतलें, फजीहत के बाद सिविल सर्जन ने जांच की कही बात

बिहार : अब अस्पताल के छत पर मिली शराब की बोतलें, फजीहत के बाद सिविल सर्जन ने जांच की कही बात

AURANGABAD : बिहार में शराबबंदी कानून को सफल बनाने के प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है. शराबबंदी कानून को लेकर मुख्यमंत्री द्वारा समीक्षा बैठक करने के बाद प्रशासन ने अपने छापेमारी अभियान को और तेज कर दिया है. बिहार विधानसभा में शराब की बोतलों की बरामदगी का मामला अभी थमा भी नही हैं कि औरंगाबाद के सदर अस्पताल में शराब की खाली बोतलों के मिलने से सनसनी मच गयी है. इससे पता चलता है कि अस्पताल में शराब का सेवन करने वाले लोग मौजूद है.


ऐसे में तिरछी नजर तो यहां काम करने और रात में ङ्यूटी के दौरान रातों को रंगीन बनाने वाले कर्मियों पर ही जाती है या दिन के उजाले में भी शराब का सेवन करने वाले यहां के कर्मी भी हो सकते है. इस बात को इससे भी बल मिलता है कि सदर अस्पताल के सरकारी एम्बुलेंस को चलाने वाला ड्राईवर धर्मेंद्र अपने औरंगाबाद शहर के टिकरी रोड स्थित घर से शराब के साथ हाल में ही पकड़ा गया था. उसके घर से शराब से भरी 65 बोतले मिली थी. अस्पताल के कर्मी के घर से शराब मिलने का भी यह साफ संकेत है कि सदर अस्पताल में शराब पीने वालों की कमी नही है, जो नीतीश सरकार की पूर्ण शराबबंदी की नीति को ताक पर रखकर शराब गटकने में लगे है.


सदर अस्पताल में एक दर्जन से अधिक शराब की हरी हरी खाली बोतलों के नजर आने पर जब वहां पर मौजूद गार्ड से पूछा गया तो उसने सीधा पल्ला झाड़ते हुए कहा कि वह कुछ नही जानता. वह दिन में ड्यूटी करता है. रात में यहां कौन क्या करता है और क्या नहीं करता, उसे कुछ पता नहीं है. सदर अस्पताल में शराब की खाली बोतलों के मिलने की खबर करने के दौरान ही सामाजिक कार्यकर्ता संगीता सिंह मिल गई, जो अपना इलाज कराने आई थी. संगीता ने कहा कि शराब जब बिक ही नही रही है, तो यहां शराब की बोतले कहा से आ गई. सरकारी संस्थानों में ऐसी गतिविधियां न हो, इसके लिए सरकार को फुलप्रूफ प्रबंध करना चाहिए. वहीं इस मामले को लेकर जब सिविल सर्जन डॉ. कुमार वीरेंद्र प्रसाद से बात की गई तो उन्होने इसके प्रति अनभिज्ञता जाहिर करते हुए कहा कि वे मामले की जांच कराएंगे. जो भी दोषी होंगे, उनपर कार्रवाई की जाएगी.