भोला यादव ने बताया 10 नंबर बंगले से साया उठने पर क्या होता है, खोल दिया एक-एक राज

भोला यादव ने बताया 10 नंबर बंगले से साया उठने पर क्या होता है, खोल दिया एक-एक राज

PATNA  : बिहार में महागठबंधन कि सरकार और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर सवाल उठाना अब उनकरे ही पार्टी के एक कार्यकर्त्ता को काफी महंगा पड़ गया। बता दें कि, यह राजद समर्पित कार्यकर्ता खुद को छोटा लालू यादव बोलता है और राजद सुप्रीमों  के आवाज  को भी पूरी तरह से कॉपी करता है और हमेशा अपने इसी आदत को लेकर सुर्ख़ियों में बना रहता है। लेकिन, अब उसको इस बार मिडिया में आकर खुले आम अपनी ही पसंद कि पार्टी पर सवाल उठाना भारी पड़ गया और उसको एक अहोदेदार नेता के झड़प का भी सामना करना पड़ा। 


दरअसल, राजद के समर्पित कार्यकर्त्ता छोटे लालू ने बीते कल पर्यटन विभाग के डायरेक्टर पर सवाल उठाते हुए कहा था कि विभाग के डायरेक्टर राज्य के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव कि बात नहीं सुनते हैं। उन्होंने कहा कि नेशनल अवार्ड कलाकार को 1 लाख से अधिक कि राशी दी जाती है, लेकिन बिहार में उसको मात्र 30 हजार रुपया दिया जा रहा है। उन्होंने कहा था कि यह सरकार गरीबों की सरकार है, यहां अफसरों को शाशन नहीं चलने वाला है। 


इसके बाद अब इस मामले में आज इस छोटे लालू को राजद के प्रदेश कार्यलाय में तलब किया गया और वहां राजद के ओहदेदार नेता द्वारा इसकी जमकर क्लास लगाई गई, इतना ही नहीं बोलते बोलते राजद नेता इतनी आवेश में आ गए कि उन्होंने भी अपनी ही पार्टी के बारे में बड़ा बयान दे डाला। जिसके बाद यह यह मामला तेजी से प्रकाश में आने लगा है। 


बताया जा रहा है कि, लालू के राजदार भोला यादव इस छोटे लालू पर इतना गुसा हो गए कि उन्होंने आवेश में आकर यह कहा डाला कि 10 सर्कुलर रोड का साया हट जाने के बाद इसी का अस्तित्व नहीं रहता है। जब मेरे जेसे लोगों का कोई अस्तित्व नहीं रहा तो तुम किस खेत के मुली हो। यदि तुम अपना अस्तित्व खत्म करना चाहते हो तो ऐसा करो। इसके आगे भोला यादव ने कहा कि यदि तुमको सरकार के खिलाफ बोलना है तो उसके लिए भी जगह तय है वहां जाकर बोलो। अधिक होशियारी नहीं चलने वाला है। यदि किसी मामले में आग्रह करना है तो शांति से आग्रह करो भाषण मत करो। 


इस दौरान राजद समर्पित यह कार्यकर्त्ता बस पूरी बात को सिर्फ सुनता रहा और यही कहता रहा कि कभी भी मेरे द्वारा पार्टी के विरुद्ध कुछ भी नहीं बोला गया है। मेरे द्वारा सिर्फ अफसर कि कार्यशेली को लेकर सवाल उठाया गया है और जबतक मेरा काम नहीं होगा मेरे द्वारा यह होता रहेगा। जिसके बाद उसको कहा गया कि पहले तुम घूम - घूम कर भाषण देना बंद करो।जिसके बाद यह मामला जाकर शांत हुआ।