ARRAH : भोजपुर के लाल शहीद चंदन का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया।शहीद चंदन कुमार को उनके बुजुर्ग पिता ने मुखाग्नि देकर विदाई दी।इस दौरान पूरा इलाका भारत माता की जय और चीन मुर्दाबाद के नारों से गूंज उठा। परिजनों ने सरकार से गलवान घाटी के शहीदों को परमवीर चक्र देने की मांग की है। शहीद चंदन की अंतिम यात्रा में उन्हें आखिरी सलामी देने के लिए पूरा जनसैलाब उमड़ पड़ा।
आरा के रहने वाले चंदन यादव जो महज 23 साल के थे। शहीद चंदन यादव मूल रूप से भोजपुर जिले के जगदीशपुर इलाके के रहने वाले हैं। जिनका घर ज्ञानपुर गांव में हैं। चंदन के पिता रिटायर्ड होमगार्ड जवान हैं। चंदन 4 भाई हैं. सभी भाई देश की सेवा में लगे हुए हैं। शहीद चंदन के साथ-साथ उनके एक और भाई लद्दाख बॉर्डर पर ही देश की रक्षा कर रहे हैं। दो अन्य भाई भी आर्मी में हैं, जो रांची और अन्य जगह पर पोस्टेड हैं. शहीद चंदन की दो बहन हैं। शहीद चंदन अपने घर में सबसे छोटे भाई थे।रूंधे गले से पिता हृदयानंद ने कहा कि बेटे को खोने का गम तो पिता ही समझ सकता है पर सुकून इस बात का है कि उनका छोटा बेटा देश के काम आ गया। उनका बेटा अमर हो गया। इससे बड़ी खुशी क्या हो सकती है?
अपनी मिट्टी के लिए प्राण की आहुति देने वाले शहीद चंदन यादव की शादी इसी साल अप्रैल महीने में होने वाली थी। कोरोना संकट को देखते हुए देश में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की गई। जिसके कारण उनकी शादी टल गई। उसके बाद उनकी शादी को मई में तय किया गया। लेकिन एक बार फिर से लॉकडाउन की बढ़ाये जाने के बाद उनकी शादी को टाला गया। वीर जवान चंदन यादव की शादी भोजपुर जिले में ही सुल्तानपुर गांव में होने वाली थी।
चंदन के परिजनों ने बताया कि वह दो साल पहले ही 2017 में आर्मी ज्वाइन किये थे। इसी साल उनकी पोस्टिंग लद्दाख में हुई थी। जहां सब-जीरो टेम्परेचर वाले लद्दाख बॉर्डर पर वह अपने भाई के साथ ही देश की रक्षा में लगे हुए थे। दिन रात सर्द हवाओं और बर्फीले तूफानों के बीच उन्होंने देश की सेवा की. देश की रक्षा की खातिर बुजदिल चीनी सैनिकों से लोहा लेते हुए उन्होंने शहादत दी।
बता दें कि लद्दाख के गलवान घाटी में LAC पर चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 बहादुर जवान शहीद हो गए। भारतीय जांबाजों ने भी बॉर्डर पर डटकर सामना करते हुए कई चीनी सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जायेगा। देश की संप्रभुता सर्वोच्च है। देश की सुरक्षा करने से हमे कोई रोक नहीं सकता। इस बारे में किसी को भी जरा भी भ्रम या संदेह नहीं होना चाहिये।