भोजन तो दूर क्वारेंटाइन सेंटर में पीने के लिए साफ पानी भी नहीं मिल रहा, देख लीजिए सरकार...

भोजन तो दूर क्वारेंटाइन सेंटर में पीने के लिए साफ पानी भी नहीं मिल रहा, देख लीजिए सरकार...

NAVGACHIYA : बिहार में भले ही क्वारेंटाइन सेंटरों में मीडिया के प्रवेश पर रोक लगा दी गयी है। लेकिन क्वारेंटाइन सेंटरों की बदहाली की तस्वीरें सोशल मीडिया के जरिए रोज-ब-रोज सामने आ रही हैं। क्वारेंटाइन सेंटर में खाना और पानी को लेकर हंगामे का दौर जारी है। नवगछिया में प्रवासी मजदूरों ने क्वारेंटाइन सेंटर पर हंगामा किया है। जहां भोजन की बात तो दूर पीने का शुद्ध पानी भी नहीं मिल रहा है।


नवगछिया अनुमंडल के रंगरा प्रखंड में दूसरे राज्यों से  आए हुए प्रवासी मजदूरों को रखने के लिए बनाए गए कोरनटाईन सेंटर में अधिकारियों द्वारा व्यवस्था में सुधार के लाख दावे के बावजूद भी व्यवस्था  सुधरने का नाम नहीं ले रहा है।डीएम के कड़े आदेश के बावजूद  अधिकारी सेंटर में रह रहे लोगों को भोजन पानी के अलावे अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने में विफल साबित हो रहे हैं। स्थानीय अधिकारियों द्वारा लोगों को सारी सुविधाएं उपलब्ध कराने के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। इनके सारे दावे सिर्फ कागजों में सिमटे हुए हैं। धरातल पर कुछ भी नहीं दिख रहा है।


सेंटरों के हालात ये हैं कि वहां रह रहे लोग आए दिन कुव्यवस्था को लेकर लगातार हंगामा कर रहे हैं। शुक्रवार को भी रंगरा प्रखंड में न्यू मॉडल प्रखंड कार्यालय भवन में बनाए गए प्रखंड स्तरीय क्वारेंटाइन सेंटर में रह रहे प्रवासी सैकड़ों मजदूरों ने भोजन पानी की मांग को लेकर जमकर हंगामा किया। हंगामा कर रहे लोगों ने स्थानीय प्रशासनिक पदाधिकारियों पर मूलभूत सुविधा नहीं देने का लगाते हुए कहा की हम लोगों को यहां कल से ही रखा गया है। परंतु अब तक 24 घंटे बीत जाने के बाद भी शुद्ध पानी पीने को भी नसीब नहीं हो रहा  है। शिकायत करने पर डांट फटकार देते हैं। उन लोगों ने घटिया भोजन देने का भी आरोप लगाया है। 


विरोध कर रहे लोगों ने बाल्टी और बोतल में पानी दिखाते हुए कहा कि यही गंदा पानी हम लोग पीने को मजबूर हैं। पानी में भरपूर आयरन होने के कारण पानी लाल हो गया था। इसके अलावा रह रहे लोगों ने साबुन सैनिटाइजर और सोने के लिए बिछावन, मछरदानी तक व्यवस्था नहीं होने की बात कही और बताया कि शौचालय और बाथरूम तो है लेकिन वहां एक भी बाल्टी या डब्बा नहीं है। कहने पर पदाधिकारी के द्वारा यह कहा जाता है कि सब कुछ ठीक हो जाएगा पर उसके लिए समय लगेगा। परंतु 24 घंटे बीत जाने के बाद भी अब तक व्यवस्था नदारद है। प्रवासी मजदूरों ने पानी के लिए वैकल्पिक व्यवस्था और सभी बाथरूम और शौचालय में बाल्टी मग के अलावे साबुन सैनिटाइजर और बिछावन, मच्छरदानी की मांग की है।


शुद्ध पानी के बारे में पीएचईडी विभाग के एसडीओ ने कहा कि वहां के पानी का सैंपल लिया गया है। पानी में 1.1 पीपीएम आयरन है। जो पीने योग्य है, और वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में वहां पर आवश्यकतानुसार चापाकल लगाया जाएगा। जबकि  रंगरा सीओ जितेंद्र कुमार राम ने कहा कि डब्बावाला पानी मंगाया गया है फिलहाल लोग उसी का उपयोग करेंगे। वहीं रोज इस्तेमाल की जाने वाली सामानों की किट भी बांटी जाएगी। अब सवाल यह है कि पीएचईडी विभाग के एसडीओ का कहना है कि पानी पीने योग्य है, लेकिन वहां रह रहे लोगों ने पानी को पीने से इंकार कर दिया। आरोप लगाया कि यह पानी पीने से 2 लोग बीमार हो गए हैं।