रूपेश हत्याकांड : बेउर जेल में बंद अपराधियों से पूछताछ, CDR से भी नहीं मिला कोई इनपुट

रूपेश हत्याकांड : बेउर जेल में बंद अपराधियों से पूछताछ, CDR से भी नहीं मिला कोई इनपुट

PATNA : इंडिगो के एयरपोर्ट स्टेशन मैनेजर रूपेश कुमार सिंह की हत्या को 6 दिन गुजर चुके हैं लेकिन अब तक पुलिस इस मामले में अपराधियों तक नहीं पहुंच पाई है. बिहार के डीजीपी लगातार यह बयान दे रहे हैं कि पुलिस से अपराधियों तक पहुंच जाएगी और इस पूरे मामले का खुलासा कर दिया जाएगा लेकिन तकरीबन 6 टीम लगाए जाने के बावजूद अब तक के पटना पुलिस का हाथ खाली है. रूपेश कुमार सिंह की हत्या 12 जनवरी को उस वक्त कर दी गई थी जब वह पटना एयरपोर्ट से पुनाइचाक स्थित अपने घर पहुंचे थे.

हाई प्रोफाइल मर्डर केस को पुलिस अब तक ब्लाइंड केस की तौर पर देख रही है. एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में एसआईटी की टीम रविवार को बेउर जेल पहुंची और वहां  तकरीबन एक दर्जन से अधिक अपराधियों से पूछताछ की. पुलिस को उम्मीद थी कि बेउर जेल में बंद अपराधी रूपेश सिंह के हत्या को लेकर कोई महत्वपूर्ण जानकारी दे सकते हैं. माना जा रहा है कि पुलिस ने जेल में बंद अपराधियों को दूसरे संदिग्ध की तस्वीरें दिखाई है. इधर पुलिस रूपेश सिंह के मोबाइल की सीडीआर भी खंगाल रही है. पटना पुलिस ने रूपेश कुमार सिंह का मोबाइल फोन जांच के लिए अपने पास रखा है. उनकी पत्नी और बेटी से मोबाइल का पासवर्ड पूछ कर इसे खोला गया है. अपनी हत्या के चंद दिन पहले ही रूपेश गोवा गए थे गोवा जाने और लौटने के क्रम में उनकी किन लोगों से बातचीत हुई पुलिस उनका पूरा ब्योरा तलाश रही है.

सरकार से लेकर पुलिस तक के लिए रूपेश सिंह हत्याकांड को सुनाना एक बड़ी चुनौती बन गई है. रुपेश की हत्या की गुत्थी सुलझाने के लिए दूसरे जिलों में तैनात उन पुलिस अधिकारियों को वापस पटना बुलाया गया है जो 2 साल पहले पटना में तैनात थे. इनमें कई पुलिस अधिकारी ऐसे हैं जिन्होंने बड़ी वारदातों को हैंडल किया था और एसआईटी के साथ इन लोगों ने काम किया है. अब पुलिस के आला अधिकारी इन पर भरोसा कर रहे हैं. रूपेश सिंह की हत्या जिस अंदाज में की गई, जिस तरह सूत्रों ने प्लानिंग के साथ उनकी हत्या की उसके बाद सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर इतनी बड़ी साजिश के पीछे कौन लोग शामिल हैं.