बेटी को सरकार ने बनाया दारोगा, थाना इंचार्ज पापा की फर्ज निभाते कोरोना से हुई थी मौत

बेटी को सरकार ने बनाया दारोगा, थाना इंचार्ज पापा की फर्ज निभाते कोरोना से हुई थी मौत

DESK : पापा ने थाना प्रभारी रहते हुए कोरोना महामारी में एक सच्चे कोरोना वॉरियर की तरह ड्यूटी देते हुए अपने जान तक की भी परवाह नहीं की। कंटेनमेंट एरिया में ड्यूटी बजाते हुए वे खुद भी कोरोना पॉजिटिव हो गये। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गयी। अब सरकार ने पापा के अधूरे सपनों को पूरा करने के लिए बिटिया को पुलिस ऑफिसर नियुक्त किया है।


मध्य प्रदेश के उज्जैन के नीलगंगा थाना प्रभारी यशवंत पाल के थाना क्षेत्र में आने वाली अंबर कॉलोनी के कोरोना पॉजिटिव संतोष वर्मा की 27 मार्च को मौत हो गई थी। इसके बाद इस इलाके को कंटेनमेंट एरिया घोषित किया गया था और यहां की व्यवस्था खुद यशवंत पाल ने संभाल रखी थी। वे यहां लगातार ड्यूटी दे रहे थे। ड्यूटी के दौरान उन्हे फीवर आया तो उन्होनें अपना कोरोना टेस्ट कराया। 6 अप्रैल को उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। उसके बाद उन्हे इंदौर के अरविंदो अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करवाया गया था।  हालांकि यहां उनकी स्थिति में ज्यादा सुधार नहीं हुआ और आखिरकार 21 अप्रैल की सुबह उनकी मौत हो गई थी।


अब मध्य प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए दिवंगत थाना इंचार्ज की बेटी फाल्गुनी पाल को सब-इंस्पेक्टर( दारोगा) नियुक्त किया है। फाल्गुनी अगले सप्ताह से अपनी  ड्यूटी ज्वाइन करेंगी।  फाल्गुनी अब पापा के अधूरे काम को पूरा करेंगी। फाल्गुनी अपने परिवार की जिम्मेदारी के साथ समाज, प्रदेशवासियों की सेवा और विभागीय दायित्वों का दायित्व अपने नाजुक कंधों पर उठाएंगी।


राज्य के गृह और लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने फाल्गुनी पाल से वीडियो कॉलिंग पर बात की और उन्हे अनुकंपा नियुक्ति पर सब-इंस्पेक्टर बनने की शुभकामनाएं दी।  इस दौरान नरोत्तम मिश्रा ने फाल्गुनी पाल से कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देशानुसार गृह विभाग द्वारा उन्हें सब इंस्पेक्टर के पद पर अनुकंपा नियुक्ति दी गई है। साथ ही सरकार ने उनके परिवार को राज्य सरकार की ओर से सुरक्षा कवच के रूप में 50 लाख रुपए, असाधारण पेंशन और स्वर्गीय यशवंत पाल को मरणोपरांत कर्मवीर पदक से सम्मानित करने का एलान किया है।