बेटे और भतीजे के साथ कार्यभार संभालने पहुंचे पशुपति पारस, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री का लिया चार्ज

बेटे और भतीजे के साथ कार्यभार संभालने पहुंचे पशुपति पारस, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री का लिया चार्ज

PATNA : बुधवार को मोदी कैबिनेट के विस्तार में केंद्रीय मंत्री के रूप में शपथ लेने वाले चिराग पासवान के चाचा पशुपति कुमार पारस ने अगले ही दिन खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री का कार्यभार संभाला. गुरूवार को पशुपति कुमार पारस अपने बेटे और भतीजे प्रिंस राज के साथ चार्ज लेने पहुंचे. प्रिंस राज बिहार के समस्तीपुर सीट से लोजपा के सांसद हैं, जो कार्यभार संभालने के दौरान अपने चाचा के साथ मौजूद थे.


केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण एवं उद्योग मंत्री का पदभार संभालने के बाद पशुपति कुमार पारस ने कहा कि "मैं आज अपने विभाग में शामिल हो गया हूं. मैं पहले 10 दिनों तक अपने विभाग के कार्यों का पूरा अध्ययन करूंगा. 19 तारीख को फिर मैं पूरे विस्तार से अपने विभाग के कार्यों के बारे में जानकारी दूंगा. आपको बता दें कि यह विभाग पहले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के पास था. पशुपति कुमार पारस के साथ-साथ प्रहलाद सिंह पटेल ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के राज्य मंत्री के रूप में भी कार्यभार संभाला.



गौरतलब हो कि पशुपति कुमार पारस पूर्व केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक दिवंगत राम विलास पासवान के भाई हैं. बिहार के हाजीपुर से सांसद पशुपति कुमार पारस को नरेद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार में बतौर कैबिनेट मंत्री शामिल किया गया. पारस पिछले चार दशक से राजनीति में हैं.  उनके कैरिअर का ज्यादातर समय उनके दिवंगत भाई और केंद्रीय मंत्री रहे राम विलास पासवान की छत्रछाया में बीता है. हालांकि, उन्होंने रामविलास के बेटे चिराग पासवान के खिलाफ विरोध कर पार्टी पर अपनी पकड़ मजबूत की और पार्टी के पांच सांसदों को तोड़कर इन्होने अपना एक अलग गुट बनाया. पशुपति कुमार पारस इस अलग हुए गुट के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं.


पशुपति कुमार पारस साल 1978 में अपने पैतृक खगड़िया जिले के अलौली सीट से जनता पार्टी के टिकट पर विधायक का चुनाव जीते थे. इसी समय से इन्होने  अपनी राजनीतिक सफर की शुरुआत की. इस सीट से पशुपति कुमार ने जनता दल और बाद में रामविलास पासवान द्वारा बनाई गई पार्टी के टिकट पर कई बार चुनाव जीता. पारस 2017 में राज्य में नीतीश कुमार मंत्रिमंडल के सदस्य बने जब मुख्यमंत्री ने एनडीए के साथ गठबंधन किया.