बेटा बनकर फर्जी तरीके से बेच दी मृतक के हिस्से की जमीन, न्याय की गुहार लगा रहा पीड़ित परिवार

बेटा बनकर फर्जी तरीके से बेच दी मृतक के हिस्से की जमीन, न्याय की गुहार लगा रहा पीड़ित परिवार

SAHARSA: बिहार में भूमि विवाद का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। सबसे ज्यादा आपराधिक घटनाएं जमीन को लेकर ही बिहार में होती है। सहरसा में एक जमीन को फर्जी तरीके से बेच दिया गया है। बेटा बनकर मृतक के हिस्से की जमीन को भू-माफिया ने बेच दिया अब पीड़ित परिवार न्याय की गुहार लगा रहा है।  


सहरसा में भूमि विवाद का मामला आए दिन सामने आता है। लोग कई तरह के हथकंडे अपना कर दूसरे की जमीन पर अपनी दावेदारी दिखाते हैं। आए दिन जमीन के विवाद को लेकर आपराधिक वारदाते भी सामने आती है। ताजा मामला सहरसा नगर निगम का है। जहां एक मृत व्यक्ति का फर्जी पुत्र बनकर मृतक के हिस्से की जमीन बेच दी गई। मृतक के असली पुत्र को जब इस बारे में पता चला तो वो सदर थाना पहुंचे जहां इस बात की लिखित शिकायत दर्ज करायी।  बता दें कि गढ़िया गांव वर्तमान नया बाजार निवासी स्व. रत्नेश्वर मिश्र के बेटे गोपाल भारती ने सदर थाने में यह शिकायत की है कि दादा श्रीकांत मिश्र ने नरियार मौजा में चार कट्ठा 16 धूर जमीन खरीदा था। 


उनके तीन बेटे हैं रतनेश्वर मिश्र, नीलाम्बर मिश्र और सजनेश्वर मिश्र। पिता रतनेश्वर मिश्र की मृत्यु 12 जुलाई 23 को हो गई थी और अपने पिता का एक मात्र वारिश गोपाल भारती हैं। इस बीच गोपाल भारती को पता चला कि धमसैनी गांव के गणेश सिंह ने दादा के नाम से खरीदी की गयी जमीन में से दो खाता के तहत 5.675 डिसमिल जमीन को रतनेश्वर मिश्र का पुत्र अजय मिश्र को बनाकर एक जाली केवाला तैयार करवा लिया। जिस केवाला में गवाह के रूप में राजेश कुमार रमण पिता सुरेन्द्र झा नया बाजार को बनाया गया।


 केवाला करने वाले अजय मिश्र ने जाली केवाला में जो अपना पैन नंबर दिया है वह शिवपूजन सिंह पिता रामाकांत सिंह के नाम से है। वहीं अजय मिश्र ने केवाला के दिन ही 16 सितम्बर को आधार कार्ड डॉउनलोड किया था। आवेदक ने बताया कि मेरी पैतृक जमीन को गणेश सिंह एवं राजेश कुमार रमण ने आपसी षड़यंत्र कर गलत केवाला तैयार कर उनके साथ धोखाधड़ी की है। मामले की जानकारी पीड़ित ने थानाध्यक्ष को दी है और कार्रवाई की मांग की है। फिलहाल पुलिस मामले की छानबीन में जुटी है।