BEGUSARAI: बिहार के सरकारी स्कूल में टीचर ने बच्चों को यह पाठ पढ़ाया कि हनुमान जी मुसलमान थे और वे नमाज पढ़ते थे। हनुमान जी हिन्दू धर्म के पहले ऐसे देवता थे जो नमाज पढ़ते थे। खुद भगवान राम ने उनसे नमाज पढ़वाया था। सरकारी स्कूल के शिक्षक की जब यह करतूत सामने आई तो भारी बवाल मच गया। हालांकि उन्होंने अपने इस शब्द को वापस ले लिया और खेद प्रकट की। लेकिन अब उनके खिलाफ बेगूसराय के बछवाड़ा थाने में केस दर्ज किया गया है।
दरअसल बेगूसराय जिले के बछवाड़ा प्रखंड के हरिपुर, कदरावाद स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय की सातवीं कक्षा की छात्रा रोशनी के पिता राजेश पोद्दार ने हनुमान जी के बारे में विवादित बयान कहने वाले शिक्षक जियाउद्दीन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया है। एडवोकेट अमरेंद्र कुमार अमर के साथ राजेश पोद्दार बछवाड़ा थाने पहुंचे थे जहां मो. जियाउद्दीन के खिलाफ केस दर्ज कराया। बछवारा थानाध्यक्ष विवेक भारती ने इस बात की जानकारी दी। बताया कि आवेदन के आलोक में एफआईआर दर्ज किया गया है जिसका कांड संख्या 350/24 है।
आवेदन देने वाले राजेश पोद्दार ने अपने आवेदन में लिखा कि उनकी बेटी इसी स्कूल में सातवीं कक्षा में पढ़ती है। 8 अक्टूबर 2024 को करीब ढाई बजे शिक्षक मो. जियाउद्दीन बच्चों को क्लास में पढ़ा रहे थे और यह बता रहे थे कि राम और हनुमान भगवान मुसलमान थे। राम भगवान ने ही हनुमान को नवाज पढ़ना सिखाया था। जब इस बात पर बच्चों ने एतराज किया तो मो. जियाउद्दीन ने डांट कर बच्चों को बैठा दिया। जब इस बात की जानकारी उन्हें हुई तो गांव के ही आदित्य कुमार, रितु कुमारी, मानव, देवराज सहित सभी छात्रों से पूछताछ की तो यह बात सही निकला। जिसके बाद 9 अक्टूबर को सभी अभिभावकों और ग्रामीणों के साथ स्कूल की प्रधानाध्यापिका से शिकायत करते हुए कार्रवाई की मांग की।
वही भाजपा नेता अमरेंद्र कुमार अमर ने बताया कि शिक्षक के आचरण से लगता है कि यह सामाजिक अशांति पैदा करने वाले किसी बड़े खड्यंत्र का मोहरा है जिसकी उच्च स्तरीय जांच की जरूरत है। इस संबंध में बछवाड़ा थाना अध्यक्ष विवेक भारती ने बताया कि मामला की एफआईआर दर्ज की गयी है। जिसका कांड संख्या 350/24 है। फिलहाल पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी है।
मामला बिहार के बेगूसराय जिले के बछवाड़ा प्रखंड के हरपुर, कादरावाद स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय का है. वहां पिछले 8 साल से पोस्टेड टीचर जियाउद्दीन बच्चों को यह पढ़ा रहे थे कि भगवान राम और हनुमान जी नमाज पढ़ते थे. बच्चों ने अपने परिवार में इस बात की जानकारी दी तो हंगामा खड़ा हो गया.
बड़ी तादाद में ग्रामीण सरकारी स्कूल में पहुंच गये. वहां जमकर हंगामा हुआ. स्कूल के प्रिंसिपल ने भी स्वीकार किया कि उन्हें मास्टर जियाउद्दीन के कारनामे की जानकारी मिली थी. इसके बाद उन्हें मना भी किया था लेकिन वे नहीं माने. नाराज ग्रामीणों ने स्कूल में प्रदर्शन किया. इस दौरान मास्टर जियाउद्दीन स्कूल से गायब हो गया. बाद में वह स्कूल पहुंचा तो ग्रामीणों ने उसे घेरा. जियाउद्दीन ने ग्रामीणों के सामने स्वीकार किया कि वह राम जी और हनुमान जी के बारे में बच्चों को ऐसी जानकारी दे रहा था. उसने ग्रामीणों के सामने माफी मांगी.