बेगूसराय में नदी पर बना पुल टूटा, कुछ दिन पहले ही आई थी दरार

बेगूसराय में नदी पर बना पुल टूटा, कुछ दिन पहले ही आई थी दरार

BEGUSARAI: बिहार में अब एक और पुल टूटने का मामला सामने आया है। खबर बेगूसराय से है, जहां साहेबपुर कमाल में बूढ़ी गंडक नदी पर बना पुल बीच से ही टूट गया है। हैरानी की बात तो यह है कि पुल का निर्माण 9 साल पहले ही हुआ था। लोग देखते रह गए और पुल टूटकर पानी में बह गया। कुछ दिन पहले ही इसमें दरार आ गई थी। एप्रोच पथ के अभाव में यह अनुपयोगी साबित हो रहा था।



जिले के साहेबपुर कमाल प्रखंड क्षेत्र के रहुआ पंचायत और विष्णुपुर आहोक पंचायत के बीच बूढ़ी गंडक नदी पर बना सड़क पुल रविवार की सुबह अचानक दो हिस्सों में बट गया। गनीमत यह रही कि उस वक्त पुल पर कोई भी मवेशी या फिर वाहन का आवागमन नहीं हो रहा था। जानकारी के लिए आपको बता दें कि विगत 2 दिनों से यह पुल सुर्खियों में था। दरअसल, पुल टूटने से पहले इसमें बड़ी दरारे आई थी, पुल की जांच के लिए शनिवार को इंजीनियर की विशेष टीम भी बुलाई गई थी, बावजूद पुल को बचाया नहीं जा सका। 



आपको जानकर हैरानी होगी कि महज 5  साल पहले यह पुल बनकर तैयार हुआ था। मां भगवती कंस्ट्रक्शन बेगूसराय के द्वारा 1343.32 लाख की लागत से 23 फरवरी 2016 से यह पुल का निर्माण कार्य शुरू हुआ था। और महज 1 साल बाद 22 अगस्त 2017 को यह शानदार पुल बनकर तैयार हो गया। और आज 5 साल बाद यह पुल टूट कर दो हिस्सों में बांट चुका है। 



 यह पुल टूट जाने के कारण इलाके के लगभग 30 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित होंगे। खासकर, किसान लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। क्योंकि मवेशियों का चारा के लिए यह फूल काफी कारगर साबित हो रहा था। वही, इसका खामियाजा अब यहां के छात्र-छात्राओं व बीमार पीड़ित लोगों को भी भुगतना पड़ेगा। 



बता दें कि पुल बनने के बाद भी वाहनों के आवागमन पर रोक  थी स्थानीय लोगों का कहना है कि गंडक नदी पर यह पुल बनने के बावजूद भी वाहनों के आवागमन पर रोक थी। यह मार्ग अवरुद्ध रहने के कारण यहां के लोगों को मुख्य मार्ग NH-31 तक पहुंचने के लिए एकमात्र बांध मार्ग से ताड़ तर, उमेश नगर के रास्ते नन्हकू मंडल टोला तक लंबा व घुमावदार सफर तय करना पड़ता था। सुलभ सड़क नहीं रहने के कारण यहां तक कोई सवारी गाड़ी भी नहीं चलती थी।  मालूम हो की काफी लंबे समय से उठ रही मांग के बाद साल 2012-13 में तत्कालीन विधायक सह बिहार सरकार के समाज कल्याण मंत्री परवीन अमानुल्लाह की पहल पर बूढ़ी गंडक नदी पर इस पुल के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हुई जो बनकर तैयार था है। इस सब के बीच पुल पर परिचालन ठीक से शुरू भी नहीं हुआ कि पुल में कई जगहों पर दरार आ गई। इस पर सवाल भी उठ रहे हैं। लोगों का कहना है कि इतने लंबे समय तक इस मार्ग के अवरुद्ध रहने के कारण इस इलाके के करीब 30 हजार से अधिक की आबादी प्रभावित रहती है। इसका खामियाजा यहां के छात्र-छात्राओं व बीमार पीड़ित लोगों को भुगतना पड़ता है। आवागमन की समुचित सुविधा नहीं रहने के कारण न तो छात्र-छात्राओं को पठन-पाठन की सुविधा उपलब्ध हो पाती है और न ही बीमार पीड़ित लोगों को सही समय पर चिकित्सा सुविधा ही मिल पाती है। इसके कारण यहां के छात्र-छात्राओं व बीमार पीड़ित लोगों का जीवन नारकीय बना हुआ है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मार्ग के अवरुद्ध रहने के कारण यहां के लोगों को मुख्य मार्ग एनएच-31 तक पहुंचने के लिए एकमात्र बांध मार्ग होते हुए कई गांव होकर तय करना पड़ता है। इसके चलते लोगों को बहुत परेशानी झेलनी पड़ती है। वही रात होने पर अगर किन्ही को आना है तो परिजनों को एनएच 31 पर बुलाना होता है या फिर रिजर्व गाड़ी करनी पड़ती है इसका खामियाजा यहां के छात्र-छात्राओं व बीमार पीड़ित लोगों को भुगतना पड़ता है। आवागमन की समुचित सुविधा नहीं रहने के कारण न तो छात्र-छात्राओं को पठन-पाठन की सुविधा उपलब्ध हो पाती है और न ही बीमार पीड़ित लोगों को सही समय पर चिकित्सा सुविधा भी नही मिल पाती है।