सुशासन का खेल देखिये: BDO ने उगाही के लिए पंचायत सचिव के बेटे को बनाया अपना एजेंट, बड़े पैमाने पर वसूली का ऑडियो हुआ वायरल

सुशासन का खेल देखिये: BDO ने उगाही के लिए पंचायत सचिव के बेटे को बनाया अपना एजेंट, बड़े पैमाने पर वसूली का ऑडियो हुआ वायरल

AURANAGABAD: बिहार के सुशासन में उपर से नीचे तक भ्रष्टाचार के काले कारनामे आम हैं. लेकिन सरकारी अधिकारी पैसा कमाने के लिए क्या क्या रास्ता अपना रहे हैं इसका उदाहरण औरंगाबाद जिले में सामने आ गया है. वहां एक बीडीओ ने पैसा उगाही के लिए पंचायत सचिव के बेटे को ही अपना एजेंट बना लिया. पंचायत सचिव का बेटा न सिर्फ अपने पिता के लिए बल्कि बीडीओ के लिए भी वसूली कर रहा था. वसूली के इस खेल का ऑडियो वायरल हो रहा गया है. 


ऐसे हुआ पर्दाफाश


तीन दिन पहले फोन पर उगाही का ऑडियो वायरल हो गया है. खैरा बिंद पंचायत के पंचायत सचिव हैं ललन सिंह. लेकिन काम उसका बेटा विकास सिंह कर रहा था. पंचायत सचिव के बेटे विकास सिंह ने खैरा बिंद पंचायत के उपमुखिया और वार्ड नंबर-11 के सदस्य राहुल कुमार सिंह को फोन कर वार्ड क्रियान्वयन सह प्रबंधन समिति के सचिव पद नियुक्ति के लिए 15 हजार रुपये मांगा था. 


फोन पर पंचायत सचिव का बेटा विकास सिंह कह रहा है- 15 हजार दीजिए तो आपके मन के अनुसार सचिव बना दिया जाएगा. ये ऑडियो 31 दिसंबर 2021 का है. पंचायत सचिव के बेटे ने फोन पर पहले खुद पैसा मांगा और फिर कहा कि लीजिये बीडीओ साहब से बात कर लीजिए. यानि पंचायत सचिव का बेटा बीडीओ के वसूली एजेंट का भी काम कर रहा था. वार्ड सदस्य राहुल सिंह ने बताया कि इससे उपमुखिया बनाने के लिए 15 हजार रुपये मांगी गई थी. 


ऑडियो वायरल हुआ तो फंसे बीडीओ औऱ पंचायत सचिव


इस पूरे मामले का ऑडियो वायरल होने के बाद औरंगाबाद के डीएम सौरभ जोरवाल ने कार्रवाई की है. डीएम ने औरंगाबाद प्रखंड के खैरा बिंद पंचायत सचिव ललन सिंह को भ्रष्टाचार के आऱोप में निलंबित कर दिया है. जिलाधिकारी ने औरंगाबाद सदर प्रखंड के बीडीओ नवीन शर्मा के वेतन पर भी रोक लगा दी है. बीडीओ से 24 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण मांगा है. डीएम ने बीडीओ से पूछा है कि भ्रष्टाचार का मामला वायरल होने पर पंचायत सचिव के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गयी.  


जिलाधिकारी ने कहा कि पंचायत सचिव के खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू की गयी है, जिके बाद उन्हें बर्खास्त करने का फैसला लिया जायेगा. डीएम ने माना है कि जो ऑडियो वायरल हुआ है उसमें प्रथम दृष्टया बीडीओ की भूमिका भी संदेहास्पद है. लिहाजा बीडीओ का वेतन स्थगित करते हुए 24 घंटे में स्पष्टीकरण का जवाब मांगा है. बीडीओ का जवाब आने के बाद उनके प्रपत्र क गठित कर कार्रवाई के लिए भेजा जाएगा.