PATNA : बिहार में बालू के अवैध खनन को लेकर बड़े अधिकारियों पर गाज गिर चुकी है 41 अधिकारियों की संपत्ति की जांच भी हो लेकिन अब सरकार की नजर माफिया को संरक्षण देने वाले नेताओं पर जा टिकी हैं। राज्य के खान एवं भूतत्व मंत्री जनक राम ने कहा कि बालू की लूट में कुछ नेताओं की भूमिका भी जांची जा रही है। सबूत मिलते ही ऐसे नेताओं पर एक्शन होगा। मंत्री जनक राम के मुताबिक उनके विभाग के दर्जन भर से ज्यादा अफसर और कर्मी भी जांच के दायरे में हैं। इन सभी के खिलाफ सबूत का इंतजार है।
मंत्री जनक राम ने कहा है कि हमारे विभाग के चंद पदाधिकारियों की संलिप्तता अवैध खनन में है और उनके खिलाफ जांच चल रही है। मंत्री ने कहा कि ऐसे दर्जन भर से ज्यादा लोगों की पहचान की गई है और जैसे ही सबूत मिलेगा उन पर कार्रवाई हो जाएगी। जनक राम ने बेबाकी से कबूल किया कि सफेदपोश-नेता-अधिकारी का गठजोड़ अवैध खनन में शामिल है। मंत्री ने कहा कि अवैध खनन में नेताओं की भागीदारी की जानकारी मुझे भी सुनने को मिली है। अवैध खनन में, परदे के पीछे से कुछ दलों की ताकत मिलती है। इसकी भी जांच चल रही है। अगर नेता, दलों की संलिप्तता पाई गई, तो जरूर कार्रवाई होगी।
जनक राम ने कहा है कि वह इस बात का पूरा भरोसा दे सकते हैं कि चाहे कोई भी हो, गलत करके बच नहीं पाएगा। हमारा विभाग, किसी दल से जुड़ा विभाग नहीं है। यह राजस्व जेनरेट करने वाला विभाग है। मंत्री ने कहा कि बालू की किल्लत और मनमाना दाम जैसे मसलों से मैं भी चिंतित हूं। सरकार लगातार कार्रवाई कर रही है। जो भी अवैध खनन से जुड़ा है, यह काम कर रहा है, उस पर कार्रवाई हो रही है। छापामारी हो रही है। हाइवा, ट्रैक्टर ट्रक जब्त हो रहे हैं। सरकार ऐसे लोगों को जेल भेज रही है। संपत्ति जब्ती भी होगी। मंत्री जनक राम के इस बयान के बाद सियासी गलियारे में हड़कंप मचा हुआ है। बालू के अवैध खनन के इस खेल में शामिल सफेदपोशों को मालूम है कि आगे कौन-कौन से नेता उन्हें संरक्षण देते हैं।