PATNA : बिहार में बालू के अवैध खनन में फंसे अधिकारियों की मुसीबत और बढ़ने वाली है। ऐसे 41 अधिकारियों को पहले ही चिन्हित किया जा चुका है जिन्होंने बालू के अवैध खनन में मोटी रकम कमाई। फील्ड से हटाए जाने के बाद अब इन अधिकारियों पर सरकार और नकेल कसने की तैयारी में है। दागी अधिकारियों की संपत्ति की जांच शुरू हो गई है। आर्थिक अपराध इकाई फिलहाल इस मामले को देख रहा है। मामला बेहद हाई प्रोफाइल है लिहाजा संपत्ति की जांच के लिए हर दागी अफसर के पीछे अलग अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है। दागी अधिकारियों की संपत्ति की जांच में कहीं कोई कोताही न रह जाए इसके लिए बड़े अधिकारी खुद मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
इन दागी अधिकारियों के खिलाफ संपत्ति की जांच में क्या प्रगति हुई इसको लेकर एडीजी रैंक के अधिकारी समीक्षा करेंगे। अगर कार्रवाई में सुस्ती पाई गई तो उसे दुरुस्त भी किया जाएगा। जांच के दौरान किस तरह के सबूत मिलते हैं इस पर सबकी नजरें होंगी। दागी अधिकारियों की संपत्ति की जांच आर्थिक अपराध इकाई को सौंपी गई है। ईओयू के 3 दर्जन पुलिस अधिकारियों की टीम बनाई गई है हालांकि 41 दागी अधिकारियों की संख्या को देखते हुए यह टीम थोड़ी छोटी है लिहाजा अब और अधिकारियों को इसके लिए लगाए जाने की उम्मीद है।
सूत्रों के मुताबिक ईओयू ने दागी अफसरों की चल-अचल संपत्ति की छानबीन शुरू कर दी है। बैंक खातों से लेकर बीमा, बांड और अन्य वित्तीय कंपनियों में किए गए निवेश के साथ जमीन-जायदाद आदि का भी पता लगाया जा रहा है। अधिकारियों के बैंक खातों का पता लगाया जा रहा है। कई वर्षों के बैंक ट्रांजेक्शन को भी खंगाला जाएगा। आयकर रिटर्न और उसके मुकाबले खर्च और संपत्ति का आकलन करने के बाद जरूरी हुआ तो अधिकारियों को पूछताछ के लिए भी बुलाया जा सकता है। हर एक अधिकारी की संपत्ति की छानबीन के लिए अलग-अलग पुलिस अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है। सूत्रों के मुताबिक सरकार के आदेश पर जब मई में अवैध खनन की जांच ईओयू को दी गई थी उसी दौरान कई अधिकारियों की संपत्ति को लेकर अहम सुराग हाथ लगे थे।