PATNA : बालू के अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। इन वाहनों पर अब लाल रंग की पट्टी लगानी होगी, जिससे यह पता चलेगा कि कौन से वाहन में बालू है और कौन सी गाड़ी में बालू नहीं है। ऐसे में अब अवैध खनिज वाहनों की पहचान करना आसान हो जाएगा। जिससे बालू की अवैध ढुलाई की शिकायत की जा सकेगी।
बता दें कि बिहार सरकार ने अवैध बालू की ढुलाई पर रोक लगाने के लिए गाड़ियों में G.P.S. लगाना अनिवार्य किया था। बालू के अवैध खनन को और प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने के लिए वाहनों में विशिष्ट पहचान लगाने पर भी जोर दिया है। ताकि मुख्य मार्ग से होकर गुजरने वाले बालू लदे वाहनों को देखकर ही पहचाना जा सके और पुलिस और जांच पदाधिकारी दूर से ही वाहनों को देखकर जांच के लिए सजग हो सकें।
खान एवं भूतत्व विभाग ने इस संबंध में अपनी अधिसूचना जारी कर दी है। अधिसूचना के अनुसार एक जुलाई, 2024 से खनिज लदे वाहनों पर विशिष्ट पहचान अनिवार्य कर दिया गया है। विभाग द्वारा बालू के परिवहन हेतु खनन सॉफ्ट में निबंधित G.P.S. लगे वाहनों पर चारों तरफ से लाल रंग (Signal red) की 20 इंच चौड़ी पट्टी वाहन मालिकों को रंगवानी होगी और पट्टी पर चारो तरफ 06 इंच के साईज में खनन वाहन निबंधन संख्या (खनन सॉफ्ट में निबंधन संख्या) एवं वाहन संख्या अंकित करना अनिवार्य होगा। बालू बंदोबस्तधारी भी विशिष्ट पहचान अंकित किये गये एवं G.P.S. अधिष्ठापित वाहनों को ही परिवहन चालान निर्गत करेंगे।
खनिज लदे वाहनों के लाल रंग से रंगे होने के कारण प्रशासन द्वारा इसकी आसानी से जाँच की जा सकेगी। आम लोग भी ऐसे वाहनों पर निगाह रख सकेंगे एवं वाहन संख्या डालकर खनन सॉफ्ट पोर्टल पर यह जान सकेंगे कि उक्त वाहन के लिए बालू का चालन कब तक वैध है। आमजन नियम विरूद्ध परिवहन करने वाले वाहनों के बारे में जिला/ कंट्रोल रूम में शिकायत कर सकेंगे।
विशिष्ट पहचान के बिना यदि बालू का परिवहन करते वाहन पकड़ा जाएगा तो यह स्पष्टतः अवैध बालू के परिवहन का मामला होगा। इससे अवैध परिवहन पर सही ढंग से निगरानी रखी जा सकेगी। उच्चतम न्यायालय एवं राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा अवैध खनन एवं परिवहन की रोकथाम हेतु कई निदेश राज्य सरकारों को दिये गये हैं। बिहार सरकार अवैध खनन एवं परिवहन की रोकथाम के लिए दृढ़ संकल्पित है।