बिहार कांग्रेस के कब आएंगे अच्छे दिन? जन आंदोलन पर रणनीति बनाने भी नहीं पहुंचे ज्यादातर विधायक

बिहार कांग्रेस के कब आएंगे अच्छे दिन? जन आंदोलन पर रणनीति बनाने भी नहीं पहुंचे ज्यादातर विधायक

PATNA : लोकसभा चुनाव में हार के बाद सोनिया गांधी ने पार्टी की कमान संभाल कर भले ही कांग्रेस को फिर से पटरी पर लाने का प्रयास शुरू कर दिया हो लेकिन बिहार कांग्रेस के लिए फिलहाल अच्छे दिन आते नहीं दिख रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के निर्देश पर देशभर में 5 नवंबर से लेकर 15 नवंबर के बीच जन आंदोलन करने का कार्यक्रम तय किया गया है। लेकिन इसकी समीक्षा के लिए बुलाई गई प्रदेश कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में पार्टी के ज्यादातर विधायक नहीं पहुंचे। 

बिहार कांग्रेस की तरफ से चलाए जाने वाले जन आंदोलन की मॉनिटरिंग का जिम्मा बनारस के कांग्रेसी नेता राजीव मिश्रा को दिया गया है। राजीव मिश्रा की मौजूदगी में आज प्रदेश कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाई गई। लेकिन सदाकत आश्रम में हुई इस बैठक से ज्यादातर कांग्रेस विधायक नदारद दिखे। बैठक में विधायकों के लिए लगी कुर्सियां खाली पड़ी रही और प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा के साथ अन्य नेता कार्यक्रम की रूपरेखा तय करते रहे। बक्सर से कांग्रेस के विधायक संजय तिवारी बैठक में नजर आए लेकिन ज्यादातर विधायकों का कोई अता पता नहीं दिखा।

जनहित के मुद्दों पर कांग्रेस ने जन आंदोलन के लिए 5 से 15 नवंबर की तारीख तय की है। बिहार कांग्रेस भी पंचायत से लेकर प्रखंड और फिर जिलास्तर तक केंद्र सरकार के खिलाफ जन आंदोलन चलाएगी। 11 नवंबर तो पटना में राज्यस्तरीय आंदोलन होगा। सदाकत आश्रम से लेकर शहीद स्मारक तक कांग्रेस के नेता केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ मार्च करेंगे लेकिन पार्टी की खस्ताहाल हालत को देखकर इस पूरे कार्यक्रम की सफलता पर शुरुआत में ही सवालिया निशान खड़ा हो गया है।