PATNA: बिहार के सियासी गलियारे में पिछले कई दिनों से जो चर्चा हो रही थी उस पर मुहर लग गयी है. जेडीयू ने आरसीपी सिंह का पत्ता साफ कर दिया है. आरसीपी सिंह को राज्यसभा चुनाव में जेडीयू का उम्मीदवार नहीं बनाया गया है. पार्टी ने अपने उम्मीदवार के नाम का एलान कर दिया है. झारखंड के जेडीयू नेता खीरू महतो को जेडीयू ने राज्यसभा चुनाव में अपना उम्मीदवार बनाया है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस कर अपने उम्मीदवार के नाम का एलान कर दिया.
जेडीयू के इस एलान के बाद आरसीपी सिंह की न सिर्फ सांसद का पद छिनेगा बल्कि केंद्र सरकार में मंत्री पद भी जायेगा. सांसद होने के कारण ही उन्हें जेडीयू कोटे से केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिली है. राज्यसभा सांसद के तौर पर आरसीपी सिंह का कार्यकाल जून महीने में समाप्त हो जायेगा. यानि उसके बाद उन्हें मंत्री पद से भी हटना पड़ेगा. हालांकि प्रधानमंत्री चाहें तो बगैर सांसद रहे ही किसी को 6 महीने तक मंत्री रख सकते हैं.
खीरू की लॉटरी क्यों लगी
जेडीयू ने खीरू महतो को राज्यसभा में अपना उम्मीदवार बनाया है. खीरू महतो झारखंड के नेता हैं. वे जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष हैं. पूर्व में विधायक भी रह चुके हैं. नीतीश कुमार बिहार की सत्ता में आने के बाद झारखंड के हर चुनाव में ये कोशिश करते रहे हैं कि वहां के कुर्मी समाज को अपने पाले में ले आयें. इसके लिए उन्होंने हर तरह का प्रयोग किया. लेकिन हर बार औंधे मुंह गिरे. एक दौर में झारखंड में जेडीयू के 6 विधायक हुआ करते थे. अब की हालत ये है कि जेडीयू के किसी उम्मीदवार की विधानसभा चुनाव में जमानत तक नहीं बचती. खीरू महतो को राज्यसभा भेजने के पीछे दो कारण हैं. एक तो वे उसी कुर्मी समाज से आते हैं जिससे आरसीपी सिंह आते थे. दूसरा ये कि नीतीश कुमार को ये उम्मीद है कि खीरू महतो के सहारे वे झारखंड के कुर्मी वोटरों को गोलबंद कर सकते हैं.