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1st Bihar Published by: Updated Wed, 01 Sep 2021 01:47:52 PM IST
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VAISHALI: वैशाली जिले में बाढ़ से लोग खासे परेशान हैं। भगवानपुर, बेलसर और लालगंज सहित कई इलाकों में चारों ओर पानी भरा हुआ है। जिससे यहां रहने वाले लोगों की स्थिति बद से बदतर बनी हुई है। हर तरफ लाचारी और बेबसी की तस्वीरें नजर आ रही है।
खेत खलिहान, सड़कें और घरों तक पानी ही पानी है। बाढ़ के कारण लोग अपने-अपने घरों में कैद हो गये हैं। इन इलाकों में अब तक किसी तरह की राहत नहीं पहुंचायी गयी है। ना ही यहां रहने वाले लोगों से मिलने कोई जनप्रतिनिधि ही पहुंचे हैं। लोग मदद की आस में टकटकी लगाए बैठे हैं।
इस बेबस हालात ने घर के बुजुर्गों के लिए भारी मुश्किलें खड़ी कर दी है। जब हमारे संवाददाता ने बेलसर के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया तब जो हालात नजर आया वो आपके सामने हैं। इस दौरान हमारे संवाददाता की नजर 80 वर्षीय कबूतरी देवी पर पड़ी। कबूतरी देवी पिछले 8 दिनों से अपनी झोपड़ी में लगे खाट पर अकेली बैठी थी। वह पानी के कम होने और सरकारी मदद का इंतजार कर रही है।
पानी से बचने के लिए खाट को 5 ईंटों का सहारा देकर ऊंचा मचान बनाकर उस पर बैठी कबूतरी देवी बाढ़ की बेबसी को निहारती दिखी। उन्होंने बताया कि उनके चार बेटे हैं जो आस-पास में बाढ़ में फंसे हुए हैं। बेटे आकर कुछ खाने के लिए दे जाते हैं बस उसी से उनका गुजारा चल रहा है। 80 साल की कबूतरी देवी कहती है कि भर छाती पानी में है...उसमें खाना नहीं है... कोई दे देता है तो खा लेते है...नहीं तो बिना खाए ही सो जाते है.. 4 बेटा है.. सब इन्ही पर अलग-अलग जगह बाढ़ में फंसा हुआ है... वो आते है कुछ खाना देकर चले जाते हैं
वही कुछ ही दूरी पर हैरान करने वाली तस्वीर देखने को मिली। जहां बाढ़ के पानी के बीच फंसी बूढी महिला पर जब नजर गयी तब उनसे बातचीत करने की कोशिश की गयी तब बुजुर्ग महिला फफक फफक कर रोने लगी और एक रोटी देने की गुजारिश करने लगी। 85 वर्षीय इंदु देवी रोती कहती है कि जे दिक्कत है से देखइले.. ऐ गो रोटियों कउनो दे देतई तो खा लेती मुंह में ... हमरा पास कुछ नहीं यह कह वह फफक फफक कर रोने लगी....कुछो खाये के व्यवस्था न हई... चुलही चौका सब हमर धंस गेल...रउआ दो गो रोटी लेले अइति तो खा लेती...
85 वर्षीय इंदू देवी ने बताया कि बाढ़ के पानी में घर मकान चूल्हा चौका सब डूब गया है। खाने के लिए कुछ भी नहीं है। गंगा नदी के साथ-साथ गंडक और अन्य छोटी नदियों में आए उफान से यहां की हालत बदतर हो गयी है। यहां की स्थिति को देखने अब तक ना तो कोई अधिकारी पहुंचे है और ना ही कोई जनप्रतिनिधी। इलाके के लोग आज भी मदद के इंतजार में टकटकी लगाए बैठे हैं।