DELHI : बिहार की राजनीति में ऐसा जीतन राम मांझी ही कर सकते हैं. कुछ दिन पहले ये कह दिया कि कोरोना के डेथ सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री की तस्वीर लगनी चाहिये. मांझी औऱ उनकी पार्टी के नेताओं ने पिछले एक महीने में बीजेपी को ताबड़तोड़ गाली दी. इस सारे प्रकरण के बाद जीतन राम मांझी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी औऱ गृह मंत्री अमित शाह से मिलने पहुंच गये. खुद ही नहीं पहुंचे बल्कि अपने मंत्री बेटे संतोष सुमन को भी पटना से दिल्ली बुला लिया. पिछले तीन दिनों से जीतन राम मांझी पीएम औऱ गृह मंत्री से मिलने का समय मांग रहे हैं, कोई नोटिस लेने को तैयार नहीं है.
बीजेपी के दर पर मांझी
दरअसल पूर्व सीएम जीतन राम मांझी चार दिन पहले दिल्ली गये हैं. ये कह कर गये कि उन्हें इलाज करवाना है लेकिन दिल्ली पहुंचते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का टाइम मांगा. वहां से कोई जवाब नहीं आया तो गृह मंत्री अमित शाह से मिलने का समय मांगा. मांझी बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मिलने का समय मांग रहे हैं. कोई नोटिस लेने को तैयार नहीं है.
मंगलवार को ड्रामा
जीतन राम मांझी की पार्टी की ओर से मंगलवार को खबर दी गयी कि गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार की रात नौ बजे मिलने का समय दे दिया है. दिल्ली में मौजूद जीतन राम मांझी ने आनन फानन में पटना खबर भेजी औऱ पटना से उनके मंत्री बेटे संतोष कुमार सुमन दिल्ली रवाना हो गये. बिहार निवास में मांझी औऱ उनके बेटे संतोष सुमन इंतजार करते रह गये लेकिन अमित शाह के घर से कोई बुलावा नहीं आय़ा.
उधर प्रधानमंत्री ने जीतन राम मांझी का कोई नोटिस ही नहीं लिया है. प्रधानमंत्री कार्यालय में मांझी की ओऱ से कई दफे कॉल किया जा चुका है. वहां से कोई जवाब ही नहीं आ रहा है.
मीडिया ने आज जीतन राम मांझी के बेटे संतोष कुमार सुमन से पूछा कि बीजेपी नेता मिलने का समय क्यों नहीं दे रहे हैं. संतोष कुमार सुमन ने कहा कि प्रधानमंत्री औऱ गृहमंत्री की व्यस्तता के कारण मुलाकात नहीं हो पा रही है. मीडिया ने पूछा कि आखिर बाप-बेटे बीजेपी के नेताओं से क्यों मिलना चाह रहे हैं. संतोष सुमन ने कहा कि वे बिहार के विकास पर चर्चा करना चाहते हैं. दशरथ मांझी को भारत रत्न देने की मांग करना चाहते हैं. इसलिए प्रधानमंत्री औऱ गृह मंत्री से मुलाकात करना चाहते हैं. संतोष सुमन ने कहा कि वैसे जीतन राम मांझी दिल्ली में अपना इलाज कराने आये थे. इसी बहाने प्रधानमंत्री औऱ गृह मंत्री से मिलने का समय मांग लिया.
मांझी से बीजेपी खफा
दरअसल पिछले एक-दो महीने में मांझी औऱ उनकी पार्टी के नेताओं ने प्रधनामंत्री से लेकर बीजेपी के खिलाफ जमकर बयानबाजी की है. खुद जीतन राम मांझी ने कोरोना वैक्सीनेशन के सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर लगाने का मीडिया में आकर विरोध किया. मांझी ने कहा कि अगर वैक्सीनेशन के सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री की तस्वीर लग रही है तो कोरोना से डेथ सर्टिफिकेट पर भी मोदी की ही तस्वीर लगनी चाहिये. पूर्णिया में दलित बस्ती पर हमले समेत दूसरे कई मामलों पर मांझी और उनकी पार्टी ने बीजेपी के खिलाफ ऐसी बयानबाजी की जैसी आरजेडी-कांग्रेस ने भी नहीं की होगी.
सियासी जानकार ये मान रहे हैं कि जीतन राम मांझी नीतीश कुमार को खुश करने के लिए बीजेपी के खिलाफ ताबडतोड़ बयानबाजी करते रहे हैं. वे बीजेपी पर नीतीश सरकार को अस्थिर करने तक का आरोप लगा चुके हैं. लेकिन ये मांझी ही कर सकते हैं कि प्रधानमंत्री औऱ भाजपा को इतना कोसने के बाद वे उनसे ही मिलने दिल्ली भी पहुंच गये.