बागी विधायकों के खिलाफ होगा महागठबंधन का एक्शन ? स्पीकर को लेटर सौंप सदस्यता रद्द करने की होगी मांग

 बागी विधायकों के खिलाफ होगा महागठबंधन का एक्शन ? स्पीकर को लेटर सौंप सदस्यता रद्द करने की होगी मांग

PATNA : बिहार में कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के तीन विधायक एनडीए में शामिल हो गए हैं।  सम्राट चौधरी ने उन्हें पार्टी में शामिल कराया। कांग्रेस विधायक मुरारी गौतम और सिद्धार्थ सौरव ने एनडीए जॉइन किया है। वहीं राजद खेमे से संगीता देवी ने पाला बदलकर एनडीए में शामिल हो गई हैं। इनमें से एक मुरारी गौतम महागठबंधन सरकार में मंत्री भी रहे थे और चेनारी विधानसभा से विधायक हैं। वहीं, अब पाला बदलने वाले इन विधायकों को लेकर महागठबंधन एक्शन करने का प्लान बना रही है. कांग्रेस और राजद दोनों पार्टी इन विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग कर रही है। 


दरअसल, बिहार में एनडीए की नई सरकार के गठन और फ्लोर टेस्ट से लेकर विधानसभा बजट सत्र के समापन के दो दिन पहले तक विपक्षी गठबंधन के अब तक छह विधायकों ने पाला बदल लिया है। राष्ट्रीय जनता दल के तीन विधायकों ने पहले ही पार्टी से किनारा कर लिया था और अब एक और विधायक ने पार्टी छोड़ दी है। इनके अलावा कांग्रेस के दो और विधायकों ने एनडीए जॉइन कर लिया है। इसके बाद अब कांग्रेस और राजद एक्शन में आई है। कांग्रेस का कहना है कि- वो लोग पाला बदलने वाले विधायकों की सदस्यता रद्द कराने की मांग करेंगे। इसको लेकर वो लोग स्पीकर को औपचारिक पत्र देकर बागी विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग करेंगे। 


वहीं, आरजेडी ने अपने चारों विधायकों (संगीता कुमार, चेतन आनंद, नीलम देवी  और प्रह्लाद यादव) को सदन की सदस्यता से अयोग्य ठहराने की मांग की है। इनमें से किसी ने भी अब तक औपचारिक रूप से पार्टी से इस्तीफा नहीं दिया है। आरजेडी सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज झा ने एक वीडियो संदेश जारी कर कहा कि विधानसभा अध्यक्ष से एनडीए में शामिल होने वाले सभी आरजेडी विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग करेगी। 


उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष सबकुछ देख रहे हैं। हम जाएंगे उनके पास गुहार लगाएंगे। यह दल बदल विरोधी कानून है, जो कभी नहीं होता है कि चार विधायकों को आप जगह आवंटित कर देंगे। उन्होंने कहा कि सदस्यता तो इन चारों की जाएगी, क्योंकि दल विरोधी कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से की गई टिप्पणी इतने सख्त हैं कि कोई विधानसभा अध्यक्ष इसका उल्लंघन नहीं कर सकता। यदि कोई स्पीकर ऐसा करने की कोशिश करेगा तो इतिहास के पन्नों में उस स्पीकर का कोई नाम लेना भी पसंद नहीं करेगा।