AURANGABAD : औरंगाबाद के बारूण प्रखंड के सुंदरगंज गांव की एक लड़की सपना पटना में रहकर पढ़ाई करने के दौरान पटना में ही रहकर पढ़ाई करने वाले बारूण के जनकोप के राजकुमार को दिल दे बैठी. दोनो ने साथ जीने मरने की कसमे भी खाई और दोनो एक-दूजे के हो गये. शारीरिक़ दूरियां तक मिट गई. फिर जो होता है, वही हुआ और प्रेमी आखिरकार शादी से इंकार कर गया. इंकार को इकरार में बदलवाने के लिए प्रेमिका ने बारूण थाना की शरण ली. पुलिस ने सपना के साथ पूरी हमदर्दी दिखाई और मामला दर्ज करते ही पुलिस ने सपना के राजकुमार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.
अब कोर्ट कचहरी का चक्कर शुरू हुआ. प्रेमी ने बेल फाईल की तो कोर्ट ने रिजेक्ट कर दिया. प्रेमी को महसूस होने लगा कि अब जिंदगी जेल की चक्की पीसते ही कटेगी. उसके जीवन के सारे सपने टूटते दिखाई देने लगे. उसके हमदर्दों ने सलाह दी कि जिस सपना के कारण उसकी जिंदगी के सपने टूट रहे है, उसे अपना बनाकर उसे दिए धोखे की भरपाई कर लो. राजकुमार राजी हो गया और उसने जेल से ही औरंगाबाद व्यवहार न्यायालय के न्यायाधीश ओमप्रकाश सिंह की अदालत में सपना को अपना बनाने की रजामंदी की अर्जी दे दी. इस मामले में कोर्ट ने जब सपना की राय मांगी तो उसकी शादी की उम्मीदों को पंख लग गए और वह भी राजी हो गई.
सपना और राजकुमार दोनो की रजामंदी के बाद अदातल ने शादी की तारीख शनिवार 4 दिसम्बर मुकर्रर की और स्थान कोर्ट परिसर का मंदिर तय किया. अदालती आदेश पर तय स्थान पर दोनो की बिना बैंड बाजा, बारात के शादी हुई. अब सपना को अपने सपनों के राजकुमार के साथ वास्तविक जीवन का सफर शुरू करने के लिए अदालत की अगली तारीख पर अपने दुल्हे के लिए बेल मिलने का इंतजार है. बेल मिलना भी तय है क्योकि शादी करने की अदालती शर्त पूरी हो गयी है.