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1st Bihar Published by: mritunjay Updated Wed, 16 Oct 2024 08:25:00 PM IST
ARWAL: असम में शहीद हुए सेना के सूबेदार अमरेश कुमार का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव अरवल जिले के कुर्था प्रखंड क्षेत्र स्थित मेरोगंज गांव में किया गया। शहीद की अंतिम यात्रा की शुरुआत उस समय हुई जब सेना के जवान उनके पार्थिव शरीर को लेकर किंजर पहुंचे। जहां कुर्था थानाध्यक्ष सुरेन्द्र कुमार ने उन्हें रिसीव किया। किंजर पहुंचने पर सैकड़ों की संख्या में युवा तिरंगा लिए भारत माता की जय, शहीद अमरेश अमर रहे का नारा लगाने लगे। जगह-जगह पर शहीद अमरेश कुमार का पोस्टर और तिरंगा लगाया गया था। जगह-जगह युवाओं के साथ ही महिलाओं और स्कूली बच्चों की भीड़ देखी गई।
भारी संख्या में लोगों की भीड़ शहीद अमरेश कुमार को अंतिम विदाई देने के लिए उमड़ी। उनके पार्थिव शरीर की एक झलक पाने के लिए लोग बेताब दिखे। शहीद अमरेश अमर रहे के नारों से पूरा इलाका गूंज उठा। यह दृश्य गांव में भावनात्मक और शोकपूर्ण था। गांव में जब सेना का वाहन पहुंचा तो वहां शोक का माहौल हो गया। अपनी नम आंखों में लोगों ने गांव के लाल को विदा किया उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। हर तरफ अमरेश कुमार अमर रहे, भारत माता की जय के नारे गूंज रहे थे। शहीद के पुत्र करण कुमार ने उन्हें मुखाग्नि दी। जो उनके परिवार के लिए एक अत्यंत भावुक और कठिन क्षण था।
इस दुखद मौके पर सेना के अधिकारी श्रीप्रसाद राई और स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी भी उपस्थित थे। जिन्होंने शहीद को अंतिम विदाई दी और उनके परिवार को सांत्वना दी। गांव में पार्थिव शरीर के पहुंचने से पहले किंजर में युवाओं ने बाइक रैली निकालकर शहीद जवान अमरेश कुमार को श्रद्धांजलि दी और भारत माता की जय,अमरेश कुमार अमर रहे के नारे लगाए। शहीद जवान की अंतिम यात्रा में हर किसी की आंखें नम थीं। इस दौरान काफी संख्या में लोग मौजूद रहे।
बुधवार की सुबह 10 बजे शहीद का पार्थिव शरीर जब उनके पैतृक गांव मेरोगंज पहुंचा तो पूरा माहौल गमगीन हो गया। ऑफिसर ट्रेनिंग अकादमी गया के कमांड ऑफिसर सूबेदार श्री प्रसाद राई, सांसद सुरेन्द्र प्रसाद यादव, विधायक बागी कुमार वर्मा, कुर्था थानाध्यक्ष सुरेन्द्र कुमार, बीडीओ निशा कुमारी, अपर थानाध्यक्ष शमशेर आलम सहित कई जनप्रतिनिधि ने उन्हें नमन किया और श्रद्धांजलि दी। वे अपने पीछे पत्नी बेटा और दो पुत्री को छोड़ गए। अचानक तबियत खराब के चलते उनकी मौत हुई थी।
कुर्था के मेरोगंज गांव निवासी अमरेश कुमार 618 बटालियन एयर डिफेंस मिसाईल यूनिट थल सेना के मिशा कैंप असम में सूबेदार के पद पर तैनात थे। 12 अक्टूबर को उनकी ड्यूटी के दौरान अचानक तबीयत खराब हो गई। जिसके बाद मिलिट्री हॉस्पिटल में उन्हें भर्ती कराया गया जहां इलाज के दौरान 13 अक्टूबर को मौत हो गई। 28 दिसंबर 1995 में वो सेना में भर्ती हुए थे।